निर्जला एकादशी 2025: पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

निर्जला एकादशी का महत्व
Nirjala Ekadashi 2025: आज देशभर में श्रद्धा और भक्ति के साथ निर्जला एकादशी का पर्व मनाया जा रहा है। यह व्रत हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को आयोजित किया जाता है। इस विशेष अवसर पर भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। इसे सभी एकादशियों में सबसे कठिन माना जाता है, क्योंकि इसमें व्रती को न केवल अन्न का त्याग करना होता है, बल्कि जल का सेवन भी वर्जित होता है। इसी कारण इसे 'निर्जला' एकादशी कहा जाता है.
व्रत का फल
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, निर्जला एकादशी का व्रत रखने से पूरे वर्ष की सभी एकादशियों का फल एक साथ प्राप्त होता है। यह व्रत विशेष रूप से उन व्यक्तियों के लिए लाभकारी है, जो पूरे साल हर एकादशी का पालन नहीं कर पाते। इस एक व्रत से उन्हें सभी एकादशियों के समान पुण्य प्राप्त होता है.
पूजा के दिन पहनने वाले रंग
पूजा के दिन भूलकर भी न पहनें ये रंग
व्रत के दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक है। सबसे बड़ी गलती जो लोग अक्सर करते हैं, वह है काले कपड़े पहनना। हिंदू धर्म में काले रंग को नकारात्मकता और शोक का प्रतीक माना जाता है। विशेष रूप से एकादशी जैसे शुभ दिनों पर काले वस्त्र पहनने से पूजा की सकारात्मक ऊर्जा प्रभावित हो सकती है.
भगवान विष्णु के प्रिय रंग
भगवान विष्णु को प्रिय हैं ये रंग
इस पावन दिन पर पीले रंग के कपड़े पहनना सबसे शुभ माना जाता है। भगवान विष्णु को पीला रंग अत्यंत प्रिय है और इस रंग के वस्त्र धारण करने से व्रती को अधिक पुण्य और शुभ फल की प्राप्ति होती है। इसके अलावा, लाल, केसरिया और सफेद जैसे हल्के और चमकीले रंग भी शुभ माने जाते हैं, जो जीवन में सकारात्मकता और शांति लाते हैं.
पूजा विधि और शुभ मुहूर्त
पूजा विधि और शुभ मुहूर्त
आज के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करना चाहिए। इसके बाद स्वच्छ और शुभ वस्त्र पहनकर घर के मंदिर की सफाई करें और दीपक जलाएं। भगवान विष्णु की प्रतिमा या चित्र को गंगाजल से शुद्ध करें और उन्हें फूल, तुलसी दल, दीप और धूप अर्पित करें। सात्विक भोग लगाएं और आरती करें। इस दिन तुलसी सहित जल, अन्न, तिल, वस्त्र, चावल, फल और नमक का दान करना भी बेहद पुण्यकारी माना गया है.
निर्जला एकादशी के शुभ मुहूर्त
निर्जला एकादशी के शुभ मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04:03 से 04:44 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11:53 से 12:49 बजे तक
रवि योग: सुबह 05:24 से 06:34 बजे तक