पुरी के जगन्नाथ मंदिर के रहस्यमय तथ्य

जगन्नाथ मंदिर का परिचय
पुरी का जगन्नाथ मंदिर, जो हिंदुओं के चार धामों में से एक माना जाता है, ओडिशा के पुरी शहर में स्थित है। यह मंदिर भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है, जो भगवान विष्णु के अवतार माने जाते हैं। हर साल, लाखों श्रद्धालु इस विश्व प्रसिद्ध मंदिर में दर्शन करने आते हैं। यह मंदिर 800 साल से भी पुराना है और इसके साथ कई चमत्कारी और रहस्यमयी कथाएँ जुड़ी हुई हैं। इस लेख में, हम आपको इस मंदिर से जुड़े कुछ अद्भुत रहस्यों के बारे में बताएंगे।
भगवान का हृदय धड़कता है
धार्मिक मान्यता के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण ने इसी मंदिर में अपने शरीर का त्याग किया था। उनकी देह के एक हिस्से को छोड़कर, बाकी का शरीर पंचतत्व में विलीन हो गया। कहा जाता है कि मंदिर में रखी श्रीकृष्ण की लकड़ी की मूर्ति में आज भी उनका हृदय धड़कता है।
समुद्र की लहरों की आवाज
श्रद्धालुओं का कहना है कि जब वे मंदिर के सिंहद्वार में प्रवेश करते हैं, तब समुद्र की लहरों की आवाज सुनाई देती है। लेकिन जैसे ही वे सिंहद्वार के अंदर कदम रखते हैं, यह आवाज अचानक बंद हो जाती है।
झंडा और मंदिर का बंद होना
जगन्नाथ मंदिर के शिखर पर एक झंडा लगा होता है, जो हमेशा हवा की विपरीत दिशा में उड़ता है। धार्मिक मान्यता है कि यदि यह झंडा किसी दिन नहीं बदला गया, तो मंदिर 18 वर्षों के लिए बंद हो जाएगा। पुराना झंडा बुरी ऊर्जा को आकर्षित करता है, इसलिए इसे नियमित रूप से बदला जाता है।
मंदिर की रसोई का रहस्य
जगन्नाथ मंदिर की रसोई में एक अनोखा रहस्य है। यहाँ प्रसाद बनाने के लिए सात मिट्टी के बर्तन उपयोग में लाए जाते हैं, जो एक के ऊपर एक रखे जाते हैं। सबसे ऊपर वाला बर्तन सबसे पहले तैयार होता है, और फिर क्रमशः नीचे के बर्तनों का प्रसाद बनता है।
शिखर की अदृश्य छाया
मंदिर के शिखर पर एक सुदर्शन चक्र स्थापित है, जो किसी भी दिशा से देखने पर हमेशा आपकी ओर मुंह करता है। इसके अलावा, मंदिर के शिखर की छाया हमेशा अदृश्य रहती है, जिसे कोई भी जमीन पर नहीं देख सकता।