पुरी रथ यात्रा में भगदड़: तीन श्रद्धालुओं की जान गई, प्रशासन पर उठे सवाल

जगन्नाथ रथ यात्रा में हुआ दर्दनाक हादसा
पुरी में हर साल आयोजित होने वाली जगन्नाथ रथ यात्रा इस बार एक दुखद घटना का साक्षी बनी। रविवार को गुंडिचा मंदिर के निकट सारधाबली में भारी भीड़ के चलते भगदड़ मच गई, जिसमें तीन श्रद्धालुओं की जान चली गई और कई अन्य घायल हुए। यह घटना उस समय हुई जब हजारों श्रद्धालु रथ यात्रा के दर्शन के लिए इकट्ठा हुए थे।
स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार को शुरू हुई रथ यात्रा के दौरान गर्मी, भीड़ और थकावट के कारण शनिवार को लगभग 750 श्रद्धालुओं को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया। इनमें से 230 से अधिक लोगों को पुरी के संक्रामक रोग अस्पताल (IDH) में और 520 से ज्यादा को जिला मुख्यालय अस्पताल (DHH) में इलाज दिया गया।
गंभीर स्थिति में एक श्रद्धालु
एक श्रद्धालु की हालत गंभीर, भेजा गया कटक
अधिकारियों के अनुसार, अधिकांश श्रद्धालुओं को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई, लेकिन एक गंभीर रूप से बीमार श्रद्धालु को बेहतर चिकित्सा के लिए कटक स्थित एससीबी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल भेजा गया है। इसके अलावा, कम से कम 12 मरीजों की स्थिति गंभीर बनी हुई है और उन्हें ICU में रखा गया है।
भीड़ और गर्मी का प्रभाव
अत्यधिक गर्मी और भीड़ बना कारण
प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, इस वर्ष रथ यात्रा में अपेक्षा से अधिक श्रद्धालु पहुंचे, जिससे भीड़ को नियंत्रित करना कठिन हो गया। अत्यधिक गर्मी, उमस और लंबे समय तक खड़े रहने के कारण कई लोगों की तबीयत बिगड़ गई। स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि पुलिस और स्वास्थ्य विभाग पूरी सतर्कता से स्थिति पर नजर रख रहे हैं।
मुख्यमंत्री का शोक
मुख्यमंत्री ने जताया शोक
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने हादसे में मारे गए श्रद्धालुओं के प्रति गहरा दुख व्यक्त किया है और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है। उन्होंने प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि घायलों को हर संभव सहायता और बेहतर चिकित्सा सुविधा प्रदान की जाए।
प्रशासनिक तैयारियों पर सवाल
रथ यात्रा के लिए प्रशासन पर सवाल
इस घटना के बाद प्रशासनिक तैयारियों पर सवाल उठने लगे हैं। क्या भीड़ प्रबंधन की योजना पर्याप्त थी? क्या मौके पर पर्याप्त चिकित्सा सहायता मौजूद थी? इन सवालों के बीच पुरी प्रशासन ने कहा है कि हादसे की जांच की जा रही है और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।