पूजा में दीपक के लिए सही धातु का चयन: लोहे के दीपक से बचें
हिंदू धर्म में पूजा के दौरान दीपक जलाना एक महत्वपूर्ण कार्य है। यह न केवल अंधकार को दूर करता है, बल्कि सकारात्मक ऊर्जा का भी प्रतीक है। इस लेख में हम जानेंगे कि पूजा में किस धातु का दीपक जलाना शुभ है और क्यों लोहे का दीपक उपयोग नहीं करना चाहिए। धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से लोहे के दीपक के नकारात्मक प्रभावों के बारे में जानकारी दी गई है। साथ ही, पीतल, तांबा और चांदी जैसे शुभ धातुओं के दीपकों के लाभ भी बताए गए हैं।
| Nov 10, 2025, 12:56 IST
दीपक जलाने का महत्व
हिंदू धर्म में पूजा के समय दीपक जलाना एक अत्यंत शुभ और पवित्र कार्य माना जाता है। दीपक केवल अंधकार को दूर नहीं करता, बल्कि यह सकारात्मक ऊर्जा, ज्ञान और प्रकाश का प्रतीक भी है। धार्मिक ग्रंथों में पूजा के दौरान दीपक जलाने की परंपरा को विशेष महत्व दिया गया है। दीपक जलाने से घर में शुभता बनी रहती है, और यदि आप इसे मुख्य द्वार पर जलाते हैं, तो सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है।
लोहे के दीपक का उपयोग क्यों नहीं करें
इस संदर्भ में एक महत्वपूर्ण प्रश्न उठता है कि पूजा में किस धातु का दीपक जलाना शुभ होता है और किसका उपयोग नहीं करना चाहिए। सामान्यतः पूजा में लोहे के बर्तनों का उपयोग वर्जित माना जाता है, और इसी तरह लोहे के दीपक का भी उपयोग नहीं करना चाहिए। इस लेख में हम जानेंगे कि पूजा में लोहे के दीपक का उपयोग क्यों नहीं करना चाहिए।
लोहे का दीपक क्यों अशुभ है
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, लोहे को शनि देव का धातु माना जाता है और इसे शुद्ध धातु नहीं माना जाता। ऐसा माना जाता है कि लोहे के दीपक से पूजा या आरती करने पर नकारात्मक ऊर्जा आकर्षित हो सकती है। इसके अलावा, लोहे का दीपक जलाने से पूजा का शुद्ध वातावरण प्रभावित होता है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बाधित होता है। इसलिए, पूजा में लोहे के दीपक का उपयोग वर्जित है।
ज्योतिषीय दृष्टिकोण
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, लोहा शनिदेव से संबंधित है। शनि को न्याय का देवता माना जाता है, लेकिन इसकी ऊर्जा कठोर और भारी होती है। मान्यता है कि पूजा में लोहे का दीपक जलाने से शनि का प्रभाव बढ़ सकता है, जिससे आर्थिक समस्याएं और मानसिक तनाव उत्पन्न हो सकते हैं। इसलिए, पूजा में लोहे का दीपक जलाना शुभ नहीं माना जाता।
शुभ धातु के दीपक का चयन
पूजा के लिए सबसे शुभ धातु पीतल का दीपक माना जाता है, जो सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि का प्रतीक है। इसके अलावा, तांबे के दीपक का भी उपयोग किया जा सकता है, जो जातक की शुद्धता बनाए रखता है। लक्ष्मी पूजन के लिए चांदी के दीपक का उपयोग भी शुभ माना जाता है, जिससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। मिट्टी के दीपक का उपयोग भी पूजा में शुभ होता है।
यदि आप पूजा के लिए सही दीपक का चयन कर रही हैं, तो ध्यान रखें कि पूजा में कभी भी लोहे के बर्तनों का उपयोग नहीं करना चाहिए। इसी कारण से लोहे के दीपक का उपयोग भी वर्जित है।
