फिलीपींस के राष्ट्रपति की भारत यात्रा: द्विपक्षीय संबंधों की 75वीं वर्षगांठ
फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड आर मार्कोस जूनियर 4 से 8 अगस्त तक भारत की यात्रा पर रहेंगे। यह उनकी पहली आधिकारिक यात्रा है, जिसमें वे प्रधानमंत्री मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे। इस यात्रा का उद्देश्य भारत-फिलीपींस के बीच 75 वर्षों के राजनयिक संबंधों का जश्न मनाना और सहयोग को बढ़ावा देना है। राष्ट्रपति मार्कोस की यात्रा के दौरान कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाएगी, जो दोनों देशों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है।
Jul 31, 2025, 16:05 IST
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फिलीपींस के राष्ट्रपति की भारत यात्रा
विदेश मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान में जानकारी दी है कि फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड आर मार्कोस जूनियर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर 4 से 8 अगस्त तक भारत का दौरा करेंगे। इस यात्रा के दौरान, राष्ट्रपति के साथ उनकी पत्नी लुईस अरनेटा मार्कोस, कैबिनेट के मंत्री, वरिष्ठ अधिकारी और कई व्यापारिक प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। यह राष्ट्रपति मार्कोस की भारत में पहली आधिकारिक यात्रा है, जो उन्होंने 2022 में पदभार ग्रहण करने के बाद की है। इस यात्रा का एक मुख्य आकर्षण प्रधानमंत्री मोदी के साथ उनकी द्विपक्षीय बैठक होगी, जो 5 अगस्त को आयोजित की जाएगी। इसके अलावा, राष्ट्रपति मार्कोस राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मुलाकात करेंगे और विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर से भी बातचीत करेंगे। यात्रा के अंत में, राष्ट्रपति 8 अगस्त को बेंगलुरु का दौरा करने के बाद फिलीपींस लौटेंगे।
भारत-फिलीपींस के राजनयिक संबंध
राजनयिक संबंधों के 75 वर्ष
यह ध्यान देने योग्य है कि भारत और फिलीपींस के बीच राजनयिक संबंध नवंबर 1949 में स्थापित हुए थे। इन वर्षों में, यह साझेदारी व्यापार, निवेश, रक्षा, सुरक्षा, समुद्री सहयोग, कृषि, स्वास्थ्य सेवा, फार्मास्यूटिकल्स और डिजिटल प्रौद्योगिकियों जैसे कई क्षेत्रों में काफी विस्तारित हुई है। दोनों देश क्षेत्रीय स्तर पर भी निकट सहयोग बनाए रखते हैं।
हिंद-प्रशांत क्षेत्र में संबंध
हिंद-प्रशांत दृष्टिकोण से जुड़े संबंध
फिलीपींस के साथ भारत के संबंध उसकी 'एक्ट ईस्ट पॉलिसी', 'विज़न महासागर' और व्यापक हिंद-प्रशांत ढाँचे का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। यह उच्च-स्तरीय यात्रा दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर हो रही है, जो दोनों पक्षों को द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और महत्वपूर्ण क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर एकजुट होने का एक अनमोल अवसर प्रदान करती है।