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बिहार के किसान की अमरूद की खेती से सालाना 30 लाख की कमाई

बिहार के मुजफ्फरपुर के किसान लक्ष्मण कुशवाहा ने अमरूद की खेती से अपनी किस्मत बदल दी है। 15 एकड़ में फैले उनके बाग से सालाना 30 लाख रुपए की कमाई होती है। जानें कैसे उन्होंने वैज्ञानिक तरीकों का उपयोग करके इस सफलता को हासिल किया और उनके अमरूद की सप्लाई नेपाल तक होती है। इस लेख में अमरूद की खेती की विधि और लक्ष्मण की प्रेरणादायक कहानी का विवरण है।
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बिहार के किसान की अमरूद की खेती से सालाना 30 लाख की कमाई

15 एकड़ में फैला अमरूद का बाग


बिहार के मुजफ्फरपुर में एक किसान ने अमरूद की खेती से अपनी किस्मत बदल दी है। वैज्ञानिक तरीकों का उपयोग करके, यह किसान लाखों की कमाई कर रहा है। लक्ष्मण कुशवाहा नामक इस किसान ने 15 एकड़ में अमरूद की खेती की है, जिससे उन्हें काफी लाभ हो रहा है। उनके खेत का अमरूद न केवल भारत में, बल्कि विदेशों में भी प्रसिद्ध है।


अमरूद की खेती की शुरुआत

लक्ष्मण कुशवाहा मुजफ्फरपुर के पानापुर गांव के निवासी हैं। उन्होंने 2 बीघा से अमरूद की खेती शुरू की थी, लेकिन अब वह 15 एकड़ में बागवानी कर रहे हैं। इस वर्ष मौसम ने साथ नहीं दिया, जिससे उत्पादन प्रभावित हुआ, लेकिन उन्होंने वैज्ञानिक तकनीकों का सहारा लेकर नुकसान की भरपाई करने का प्रयास किया।


विदेशों में अमरूद की सप्लाई

लक्ष्मण कुशवाहा की बागवानी से 60 लोगों को रोजगार मिलता है, जिसमें तुड़ाई और पैकिंग से जुड़े लोग शामिल हैं। इस बागवानी से उनकी सालाना कमाई 30 लाख रुपए है। अमरूद की कीमत 5 से 15 रुपए प्रति फल होती है, और यह नेपाल के काठमांडू तक सप्लाई किया जाता है, जहां इसे बहुत पसंद किया जाता है।


अमरूद की खेती की विधि


  • अमरूद की बागवानी के लिए पहले खेत को अच्छी तरह से तैयार करना आवश्यक है। इसके लिए गहरी जुताई करनी चाहिए।

  • गोबर की खाद का उपयोग करें।

  • बीज या कलम विधि से पौधे लगाएं। पौधों के बीच 55 मीटर का फासला होना चाहिए।

  • पौधों को 25 सेंटीमीटर की गहराई में लगाएं।

  • फरवरी-मार्च या अगस्त-सितंबर में पौधे लगाना उचित है।

  • पौधे लगाने के तुरंत बाद पानी दें और फिर 10 से 15 दिन के अंतराल पर पानी देते रहें।

  • अमरूद का फल 2-3 साल में मिलने लगता है, और 8-10 साल बाद पेड़ से पूरी क्षमता के साथ फल मिलता है।