बिहार में मत्स्य किसानों के लिए एनएफडीपी रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू

बिहार के मत्स्य किसानों के लिए रजिस्ट्रेशन
बिहार में 1.39 लाख मत्स्य किसानों ने एनएफडीपी पर रजिस्ट्रेशन करवा लिया है। मछली पालन अब केवल आय का साधन नहीं रह गया है, बल्कि यह एक उभरता हुआ उद्योग बन चुका है, जो रोजगार के नए अवसर भी प्रदान कर रहा है। फिर भी, असंगठित क्षेत्र के कारण कई लोग सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं।
इस समस्या को ध्यान में रखते हुए, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग ने मत्स्य किसानों को संगठित करने के लिए नेशनल फिशरिज डिजिटल प्लेटफॉर्म (एनएफडीपी) पर रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू की है। यह योजना प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि योजना के अंतर्गत आती है, जो किसानों को विभिन्न लाभ प्रदान करती है।
अनुदान की सुविधा
प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह-योजना के तहत, एनएफडीपी के माध्यम से मछली पालकों, छोटे उद्यमों, स्वयं सहायता समूहों और सहकारी समितियों को 35 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जा रहा है।
इस योजना के तहत मत्स्य पालन से संबंधित तकनीकी सहायता और वित्तीय जानकारी प्रदान की जा रही है। इसके अलावा, जिन मछुआरों की पहचान नहीं है, उन्हें एनएफडीपी पर पंजीकरण के बाद डिजिटल पहचान पत्र भी दिया जा रहा है, जिससे वे सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकेंगे।
आर्थिक सशक्तिकरण का लक्ष्य
अब तक बिहार में 1.39 लाख से अधिक मछली किसानों ने एनएफडीपी पर पंजीकरण कराया है, जो यह दर्शाता है कि राज्य मत्स्य पालन को एक उद्यम के रूप में स्थापित करने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है।
इससे न केवल रोजगार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं, बल्कि मछुआरों का जीवन स्तर भी बेहतर हो रहा है। सरकार का यह प्रयास मत्स्य पालन को आधुनिक और आर्थिक रूप से मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
आवेदन की प्रक्रिया
सरकार असंगठित क्षेत्र के मछुआरों और श्रमिकों को व्यवस्थित क्षेत्र में लाने का प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह-योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए एनएफडीपी पर पंजीकरण कराना अनिवार्य है।
इच्छुक व्यक्ति या संगठन अधिक जानकारी के लिए https://nfdp.dof.gov.in पर लॉगिन कर सकते हैं या अपने जिलों के मत्स्य कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं।