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बिहार में महिलाओं के लिए शुरू हो रही 80 नई पिंक बसें

बिहार में महिलाओं के लिए पिंक बस सेवा का विस्तार किया जा रहा है, जिसमें 80 नई सीएनजी बसें शामिल होंगी। वर्तमान में, पांच जिलों में 20 पिंक बसें चल रही हैं, जो महिलाओं को सुरक्षित और आरामदायक यात्रा का अनुभव प्रदान कर रही हैं। इस सेवा में महिला कंडक्टरों की नियुक्ति भी की गई है, जो न केवल यात्रा को सुरक्षित बनाती हैं, बल्कि महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त भी कर रही हैं। जानें इस सेवा के बारे में और कैसे यह महिलाओं के लिए एक नई उम्मीद बन रही है।
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बिहार में महिलाओं के लिए शुरू हो रही 80 नई पिंक बसें

बिहार में पिंक बस सेवा का विस्तार

पिंक बस सेवा बिहार: बिहार के परिवहन विभाग ने 80 नई सीएनजी पिंक बसों को शुरू करने की योजना बनाई है। इस दिशा में कार्यवाही प्रारंभ हो चुकी है। वर्तमान में, पटना, मुजफ्फरपुर, गया, पूर्णिया और दरभंगा में महिलाओं के लिए 20 पिंक बसें मई से चल रही हैं। इनमें से भागलपुर, गया, पूर्णिया और दरभंगा में दो-दो बसें और मुजफ्फरपुर में चार बसें संचालित हैं।


महिलाओं के लिए बस पास की प्रक्रिया

पिंक बस का मासिक पास प्राप्त करने के लिए महिलाओं को अपना आधार कार्ड, कॉलेज या स्कूल की पहचान पत्र और मोबाइल नंबर बांकीपुर या फुलवारी स्थित बीएसआरटीसी कार्यालय में जमा करना होता है।


कॉलेज जाने में सुविधा

कॉलेज जाने में सुविधा


पटना में पिंक बस का उपयोग कर रोजाना कॉलेज जाने वाली खुशी ने बताया कि यह बस उनकी जैसी छात्राओं के लिए सुरक्षित और आरामदायक है। उन्होंने कहा कि ऑटो और ई-रिक्शा में यात्रा करना असुविधाजनक होता था। इस बस में कैमरा और जीपीएस की सुविधा होने से वे बेफिक्र होकर यात्रा कर सकती हैं। खुशी के अलावा ज्योत्सना, सौम्या और अनिशा मेहरीन जैसी कई महिलाएं इस सेवा का लाभ उठा रही हैं।


महिला कंडक्टरों की भूमिका

महिला कंडक्टरों की आर्थिक मजबूती


महिलाओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए पिंक बसों में महिला कंडक्टरों की नियुक्ति की गई है। यह कदम समाज में यह संदेश देता है कि बिहार की महिलाएं अब आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं। पटना में 16 महिला कंडक्टरों को तैनात किया गया है, जबकि गया और भागलपुर में चार-चार महिला कंडक्टरों को जिम्मेदारी दी गई है।


महिलाओं की राय

महिलाओं की राय


पटना की एक महिला कंडक्टर संजू कुमारी ने बताया कि वह रोजाना कई महिलाओं से मिलती हैं और उनके साथ बातचीत होती है, जिससे एक अपनापन का अहसास होता है। सुरभि ने कहा कि इन बसों का किराया अन्य साधनों की तुलना में कम है। सचिवालय में काम करने वाली जूही ने बताया कि वह बेफिक्र होकर यात्रा कर रही हैं। बिहार पुलिस की महिला सिपाही ज्योत्सना ने कहा कि वह दूसरे राज्य से आई हैं और यहां की सुरक्षा व्यवस्था ने उन्हें नारी सम्मान का अहसास कराया है।