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बुधवार का गणेश व्रत: विधि और महत्व

बुधवार का व्रत विशेष रूप से बुद्धि, सुख और समृद्धि की कामना करने वालों के लिए महत्वपूर्ण है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से जीवन की बाधाएं दूर होती हैं। जानें इस व्रत की विधि, नियम और 2 जुलाई 2025 का शुभ मुहूर्त, जो आपकी पूजा को और प्रभावशाली बनाएगा।
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बुधवार का गणेश व्रत: विधि और महत्व

बुधवार का व्रत: गणेश जी की कृपा पाने का उपाय

बुधवार का व्रत (Budhvar ka Vrat) उन सभी के लिए विशेष है, जो बुद्धि, सुख और समृद्धि की इच्छा रखते हैं। हिंदू धर्म में यह दिन भगवान गणेश और बुध ग्रह को समर्पित है। मान्यता है कि इस दिन गणेश जी की पूजा और व्रत करने से जीवन की सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं। चाहे व्यापार में उन्नति हो, नौकरी में सफलता, या बुध ग्रह के दोषों से मुक्ति, यह व्रत सभी इच्छाओं को पूरा करता है। लेकिन सवाल यह है कि इस व्रत को कैसे किया जाए? आइए, हम आपको इस व्रत की विधि, नियम, और 2 जुलाई 2025 के शुभ मुहूर्त के बारे में बताते हैं।


बुधवार का व्रत: महत्व और लाभ

स्कंद पुराण के अनुसार, बुधवार को गणेश जी की पूजा करने से बुद्धि, ज्ञान और धन में वृद्धि होती है। यह दिन बुध ग्रह से संबंधित दोषों को दूर करने के लिए भी महत्वपूर्ण है। यदि आपकी कुंडली में बुध कमजोर है, तो यह व्रत आपके लिए वरदान साबित हो सकता है। गणेश जी को विघ्नहर्ता कहा जाता है, और उनकी कृपा से सभी कार्य बिना रुकावट के संपन्न होते हैं। लेकिन इस व्रत का फल तभी मिलता है जब इसे श्रद्धा और सही विधि से किया जाए।


बुधवार के व्रत की विधि

बुधवार का व्रत आरंभ करने के लिए सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठें। स्नान के बाद घर के मंदिर या पूजा स्थल को साफ करें। गंगाजल छिड़ककर स्थान को पवित्र करें। अब एक चौकी पर साफ कपड़ा बिछाएं और पूजा सामग्री जैसे गणेश जी की मूर्ति, दूर्वा, पीले फूल, और हरे वस्त्र तैयार करें। ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) की ओर मुंह करके आसन पर बैठें।


गणेश जी को दूर्वा और पीले फूल अर्पित करें, और बुध देव को हरे वस्त्र चढ़ाएं। इसके बाद, “ॐ वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥” मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें। गणेश जी की कथा सुनें और हलवे का भोग लगाएं। पूजा के बाद गणेश जी और बुध देव की आरती करें। प्रसाद को सभी में बांटें और शाम को फलाहार से व्रत का पारण करें। इस दिन गरीबों को दान देना न भूलें, क्योंकि दान से पुण्य कई गुना बढ़ता है।


व्रत के नियम

बुधवार का व्रत करने के लिए कुछ नियमों का पालन करना आवश्यक है। इस दिन मांस, मदिरा, और तामसिक भोजन से दूर रहें। झूठ बोलना, किसी का अपमान करना, या नकारात्मक विचार लाना वर्जित है। साथ ही, बाल या दाढ़ी कटवाने और तेल मालिश करने से बचें। व्रत का उद्यापन 12 व्रतों के बाद करना चाहिए, जिसमें विशेष पूजा और हवन शामिल होता है। इन नियमों का पालन करने से गणेश जी की कृपा बनी रहती है।


2 जुलाई 2025 का शुभ मुहूर्त

2 जुलाई 2025 को आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि सुबह 11:58 तक रहेगी। इस दिन चंद्रमा कन्या राशि में और सूर्य मिथुन राशि में होंगे। दृक पंचांग के अनुसार, राहु काल दोपहर 12:25 से 2:10 तक रहेगा, इस समय पूजा से बचें। अभिजीत मुहूर्त इस दिन उपलब्ध नहीं होगा। इसलिए सुबह जल्दी या राहु काल के बाद पूजा करें। यह मुहूर्त बुधवार के व्रत को और प्रभावशाली बनाएगा।