भगवान विष्णु के प्रिय कार्तिक मास की शुरुआत कल से
कार्तिक मास, जो भगवान विष्णु के जागने का महीना है, कल से शुरू हो रहा है। इस दौरान करवा चौथ, दिवाली और छठ जैसे प्रमुख त्योहार मनाए जाएंगे। जानें इस महीने में भगवान की पूजा कैसे करें, क्या करना चाहिए और क्या नहीं। यह महीना धार्मिक मान्यताओं के अनुसार विशेष महत्व रखता है।
Oct 7, 2025, 05:44 IST
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भगवान विष्णु की योगनिद्रा से जागृति
Kartik Month, नई दिल्ली: कल से कार्तिक मास की शुरुआत हो रही है, जो करवा चौथ, दिवाली और छठ जैसे प्रमुख त्योहारों का महीना है। इस दौरान भगवान विष्णु चार महीने की योगनिद्रा से जागते हैं और तुलसी विवाह के साथ शुभ कार्यों की शुरुआत होती है। कार्तिक पूर्णिमा पर देव दीपावली मनाई जाती है, जिससे यह महीना समाप्त होता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, कार्तिक मास 8 अक्टूबर से शुरू होकर 5 नवंबर तक चलेगा।
भगवान विष्णु की पूजा का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कार्तिक मास में भगवान श्रीहरि विष्णु और श्रीकृष्ण की विशेष पूजा की जाती है। इस दौरान कार्तिक स्नान का भी महत्व है, क्योंकि मान्यता है कि इस महीने श्रीहरि जल में निवास करते हैं। इसके साथ ही मां लक्ष्मी की पूजा भी की जानी चाहिए।
कार्तिक महीने में करने योग्य कार्य
- कार्तिक मास में भगवान शालिग्राम और तुलसी जी का विवाह किया जाता है। इस दौरान तुलसी की पूजा का विशेष महत्व है, इसलिए रोजाना सुबह और शाम तुलसी के पौधे के पास घी का दीपक जलाना चाहिए।
- इस महीने में ब्रह्म मुहूर्त में उठकर पवित्र नदियों के जल से स्नान करना चाहिए। घर में नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करना भी शुभ माना जाता है। इसके बाद श्रीहरि और लक्ष्मी जी की पूजा करें।
- गीता का पाठ करना भी इस माह में लाभकारी होता है।
- दान-पुण्य करें और जरूरतमंदों की मदद करने का प्रयास करें।
- इस महीने हरि मंत्र का अधिक से अधिक जाप करें।
कार्तिक मास में क्या न करें?
- कार्तिक मास एक पवित्र महीना है, जिसमें दिवाली और छठ जैसे महापर्व मनाए जाते हैं। इस दौरान तामसिक चीजों जैसे मांस और मदिरा का सेवन न करें, क्योंकि यह मां लक्ष्मी को नाराज कर सकता है।
- अपने घर में गंदगी न रखें। दिवाली से पहले घर की सफाई करें और कबाड़ हटाएं, क्योंकि मां लक्ष्मी गंदे स्थान पर निवास नहीं करतीं।
- किसी को अपशब्द न कहें और नकारात्मक सोच से दूर रहें। तन के साथ मन की पवित्रता बनाए रखना आवश्यक है।