भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज में नया विवाद: पटौदी ट्रॉफी का नाम बदलने की चर्चा
पटौदी ट्रॉफी का नामकरण विवाद
भारत और इंग्लैंड के बीच होने वाली टेस्ट सीरीज में एक नया विवाद उभरकर सामने आया है। 2007 से पटौदी ट्रॉफी के तहत खेली जाने वाली यह द्विपक्षीय सीरीज अब तेंदुलकर-एंडरसन के नाम से जानी जाएगी। इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड के इस निर्णय ने क्रिकेट प्रेमियों को चौंका दिया है। इस फैसले पर पहले से ही काफी चर्चा हो चुकी है, जबकि इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी बाकी है। पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने इसे असंवेदनशील करार दिया है। बताया जा रहा है कि इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) और बीसीसीआई इस विवाद का समाधान निकालने के लिए एक सहमति पर पहुंच गए हैं।रेव स्पोर्ट्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, ईसीबी और बीसीसीआई ने पटौदी परिवार के नाम को बनाए रखते हुए इस सीरीज को जारी रखने का निर्णय लिया है। हालांकि, ट्रॉफी का नाम केवल तेंदुलकर-एंडरसन के नाम पर रखा जाएगा। इससे द्विपक्षीय सीरीज का ऐतिहासिक महत्व बना रहेगा और साथ ही दो आधुनिक क्रिकेट दिग्गजों का नाम भी जुड़ जाएगा। अब देखना यह है कि आधिकारिक तौर पर क्या निर्णय लिया जाएगा।
पटौदी परिवार का क्रिकेट इतिहास
भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट सीरीज का नाम 2007 में पटौदी परिवार के नाम पर रखा गया था। इफ्तिखार अली पटौदी, जो पटौदी के नवाब थे, एक महान क्रिकेटर रहे हैं, जिन्होंने दोनों देशों का प्रतिनिधित्व किया। वे ऐसे एकमात्र क्रिकेटर हैं जिन्होंने भारत और इंग्लैंड दोनों के लिए खेला। उनके बेटे मंसूर अली पटौदी ने अपने पिता की क्रिकेट विरासत को आगे बढ़ाया और भारतीय टेस्ट टीम के सफल कप्तानों में से एक बने।
इफ्तिखार अली पटौदी ने इंग्लैंड के लिए अपने डेब्यू पर शतक बनाया था। उन्होंने 1946 में इंग्लैंड दौरे पर भारतीय टेस्ट टीम के लिए पदार्पण किया। भारत के लिए खेलते हुए उन्होंने 3 मैचों में 55 रन बनाए, जबकि इंग्लैंड के लिए 3 मैचों में 144 रन बनाए। मंसूर अली पटौदी ने भारत के लिए 46 टेस्ट मैचों में 2796 रन बनाए, जिसमें 6 शतक और 16 अर्धशतक शामिल हैं।