भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में नई ऊंचाइयों की ओर: अनुराग ठाकुर का संबोधन

नेशनल स्पेस डे पर अनुराग ठाकुर का संबोधन
ऊना: पूर्व केंद्रीय मंत्री और हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र के सांसद अनुराग सिंह ठाकुर ने आज नेशनल स्पेस डे के अवसर पर ऊना के पेखूबेला स्थित पीएम जवाहर नवोदय विद्यालय में छात्रों को संबोधित किया। उन्होंने भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में हो रहे विकास पर प्रकाश डाला।
अनुराग ठाकुर ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत ने स्पेस सेक्टर में महत्वपूर्ण प्रगति की है। आज के दिन, 2023 में, भारत ने चंद्रयान मिशन 3 में सफलता प्राप्त की थी, जिससे भारत चंद्रमा पर उतरने वाला चौथा देश बना और चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला देश बनकर अंतरिक्ष में अग्रणी राष्ट्रों की सूची में शामिल हुआ। यह हमारे वैज्ञानिकों की मेहनत का परिणाम है। मोदी जी ने हमेशा वैज्ञानिकों का समर्थन किया है, चाहे मिशन सफल हो या असफल। 2014 में उनकी सरकार ने भारत के स्पेस सेक्टर को खोलने का निर्णय लिया, जिसके परिणामस्वरूप आज भारत की स्पेस इकोनोमी की चर्चा हो रही है। अगले कुछ वर्षों में, भारत की स्पेस इकोनोमी 8 बिलियन डॉलर से बढ़कर 44 बिलियन डॉलर होने की संभावना है, जबकि 2013-14 में भारत का स्पेस बजट 5,615 करोड़ था, जो अब बढ़कर 13,416 करोड़ हो गया है।"
उन्होंने आगे कहा, "भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला हाल ही में Axiom-4 मिशन का हिस्सा बने और अंतरिक्ष की यात्रा पर गए। वह ऐसा करने वाले दूसरे भारतीय हैं, लेकिन International Space Station में जाने वाले पहले भारतीय हैं। आने वाले दशकों में, भारत को अपने स्पेस मिशन के लिए 40 से 50 एस्ट्रोनॉट की आवश्यकता होगी। पिछले 10 वर्षों में, भारत ने अंतरिक्ष क्षेत्र में कई उपलब्धियां हासिल की हैं। मोदी जी के नेतृत्व में हमारा सोलर मिशन Aditya L लॉन्च हुआ। पहले हमें अपने सेटेलाइट को लॉन्च करने के लिए विदेशों पर निर्भर रहना पड़ता था, लेकिन अब अन्य देश हमसे मदद मांगते हैं। हमारे वैज्ञानिकों ने Polar Satellite Launch Vehicle का निर्माण किया है, जिसके माध्यम से ISRO ने अब तक 400 विदेशी सेटेलाइट सफलतापूर्वक लॉन्च किए हैं।"
अनुराग ठाकुर ने कहा, "भारत ने एक ही उड़ान में 104 उपग्रहों को एक साथ लॉन्च किया और पहला निजी रॉकेट विक्रम एस लॉन्च कर नया रिकॉर्ड बनाया। पिछले साल, भारत ने स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट को सफलतापूर्वक पूरा किया। हमने रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल (RLV) परीक्षण शुरू किया है। केंद्र सरकार ने गगनयान प्रोजेक्ट के लिए 20,193 करोड़ के बजट की मंजूरी दी है। हमारा लक्ष्य 2035 तक भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन की स्थापना करना और 2040 तक भारतीय क्रू लूनर लैंडिंग हासिल करना है।"