भारतीय तैराकों ने इंग्लिश चैनल में नया रिकॉर्ड बनाया

इंग्लिश चैनल तैराकी में भारतीयों की ऐतिहासिक उपलब्धि
इंग्लिश चैनल तैराकी रिकॉर्ड: भारतीय तैराकों ने 11 घंटे 19 मिनट में नया कीर्तिमान स्थापित किया: इंग्लिश चैनल तैराकी रिकॉर्ड 2025 ने भारत का मान विश्व स्तर पर बढ़ाया है।
भारतीय तैराकों की दो रिले टीमों ने ठंडे पानी में इस चुनौतीपूर्ण मिशन को सफलतापूर्वक पूरा कर नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया। हरियाणा के तीन तैराक—ईशांत सिंह, राजबीर, और दीपक बाबूलाल—ने इस उपलब्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अर्जुन पुरस्कार विजेता प्रशांत कर्माकर की अगुवाई में एक टीम ने केवल 11 घंटे 19 मिनट में इंग्लिश चैनल पार किया। यह कहानी मेहनत और साहस की मिसाल है। आइए, इस ऐतिहासिक उपलब्धि के बारे में विस्तार से जानते हैं।
कठिन तैयारी और हरियाणा का योगदान
इस मिशन की तैयारी 2023 में शुरू हुई थी। 5 जून 2025 को भारतीय दल कैंटरबरी, यूके पहुंचा। दो रिले टीमें—प्राइड ऑफ इंडिया A और B—बनाई गईं, जिनमें प्रत्येक में 6 तैराक शामिल थे। हरियाणा के चरखी दादरी से ईशांत सिंह, महेंद्रगढ़ से राजबीर, और कैथल से दीपक बाबूलाल ने शानदार प्रदर्शन किया।
इनके साथ महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, और पश्चिम बंगाल के तैराक भी शामिल थे। 12-17 डिग्री सेल्सियस के ठंडे पानी में तैरना आसान नहीं था, लेकिन इन तैराकों ने हार नहीं मानी। उनकी मेहनत ने भारत को गर्वित किया।
नया रिकॉर्ड और ऐतिहासिक उपलब्धि
16 और 18 जून को दोनों टीमों ने इंग्लिश चैनल पार किया। प्राइड ऑफ इंडिया A ने 13 घंटे 37 मिनट में यह दूरी तय की, जबकि प्राइड ऑफ इंडिया B ने 11 घंटे 19 मिनट में पुराना रिकॉर्ड (11 घंटे 23 मिनट) तोड़कर नया कीर्तिमान स्थापित किया।
प्रशांत कर्माकर ने बताया कि यह उपलब्धि भारतीय तैराकी के लिए ऐतिहासिक है। ठंडे पानी, तेज हवाओं, और समुद्री लहरों के बीच यह मिशन असाधारण साहस का परिचय देता है। इस सफलता ने भारत को वैश्विक तैराकी में नई पहचान दी।
भारत लौटेगा गौरवशाली दल
13 सदस्यीय यह दल 25 जून को मुंबई पहुंचेगा और 26 जून को दिल्ली आएगा। इसके बाद तैराक अपने-अपने राज्यों को रवाना होंगे। प्रशांत कर्माकर ने इस उपलब्धि को युवाओं के लिए प्रेरणा बताया। यह रिकॉर्ड न केवल तैराकी के क्षेत्र में, बल्कि खेल और अनुशासन के महत्व को भी दर्शाता है।
हरियाणा के तैराकों ने साबित किया कि मेहनत और लगन से कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं। यह कहानी हर भारतीय को गर्व महसूस कराती है। युवाओं को इनसे प्रेरणा लेकर अपने सपनों को पूरा करने की राह चुननी चाहिए।