मणिमहेश यात्रा: जानें इसके खतरों और चढ़ाई की चुनौतियों के बारे में

मणिमहेश यात्रा का परिचय
मणिमहेश यात्रा का महत्व: वैष्णो देवी, चारधाम और अमरनाथ यात्रा के बाद मणिमहेश यात्रा भारत की चौथी सबसे बड़ी धार्मिक यात्रा मानी जाती है। यह यात्रा 16 अगस्त से शुरू होकर 31 अगस्त तक चलती है। हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में स्थित मणिमहेश झील और कैलाश पर्वत की यात्रा को कठिन और चुनौतीपूर्ण माना जाता है। धार्मिक महत्व के साथ-साथ, इसकी प्राकृतिक सुंदरता और एडवेंचर के कारण यह यात्रा युवाओं और श्रद्धालुओं के बीच लोकप्रिय है। हाल ही में, यात्रा के दौरान पंजाब के तीन युवकों की मृत्यु ने इसे सुर्खियों में ला दिया है।
तीन युवकों की दुखद घटना
25 अगस्त को मणिमहेश यात्रा पर निकले पंजाब के तीन युवक, 18 वर्षीय रोहित, 18 वर्षीय अमन कुमार और 26 वर्षीय अनमोल, की मृत्यु हो गई। उनकी जान ऑक्सीजन की कमी के कारण गई। कमल कुंड मार्ग पर कुगती पास और धनछो क्षेत्र के बीच उनकी तबियत बिगड़ गई। अमन, रोहित और अनमोल यात्रा पर निकले थे, लेकिन अमन की तबियत बिगड़ने के कारण वह रोहित और अनमोल से बिछड़ गया।
रेस्क्यू टीम ने अमन को कमल कुंड के पास बेहोशी की हालत में पाया, जहां उसे डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। इसके बाद, कुगती के पास रोहित का शव भी बरामद किया गया। रेस्क्यू टीम ने दोनों शवों को भरमौर पहुंचा दिया। इसी बीच, अनमोल की तबियत बिगड़ने की सूचना मिली, लेकिन तब तक उसकी मृत्यु हो चुकी थी। जांच में पता चला कि तीनों की जान ऑक्सीजन की कमी के कारण गई।
चढ़ाई की कठिनाई
मणिमहेश झील समुद्र तल से 4080 मीटर (13390 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है, जबकि मणिमहेश कैलाश पर्वत 5656 मीटर (18564 फीट) ऊँचा है। हडसर से मणिमहेश झील तक की पैदल यात्रा 13 से 15 किलोमीटर की है, जो खड़ी और दुर्गम चढ़ाई वाली है। धन्छो से मणिमहेश झील और पर्वत तक की यात्रा सबसे कठिन मानी जाती है। यह चढ़ाई 4 से 5 घंटे में पूरी होती है, लेकिन इसे पूरा करने में शारीरिक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
मणिमहेश यात्रा के खतरों का विश्लेषण
मणिमहेश यात्रा के दौरान 18000 फीट से अधिक ऊंचाई पर जाने पर ऑक्सीजन की कमी हो सकती है, जिससे श्रद्धालु बीमार पड़ सकते हैं। इसके अलावा, भारी बारिश, बर्फबारी या भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं का सामना भी करना पड़ सकता है। यात्रा की ऊंचाई, खड़ी चढ़ाई, अनिश्चित मौसम और दुर्गम रास्ता इसे खतरनाक बनाते हैं। इसलिए, केवल शारीरिक और मानसिक रूप से फिट लोगों को ही इस यात्रा पर जाने की अनुमति दी जाती है। यात्रा के दौरान फिजिकल फिटनेस, मौसम की जानकारी और सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन करना अनिवार्य है।