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महानवमी: मां दुर्गा की पूजा विधि और महत्व

महानवमी, जो नवरात्रि का नवमी तिथि है, मां दुर्गा के नौवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा का दिन है। इस दिन भक्त हवन और कन्या पूजन करते हैं। जानें इस दिन की पूजा विधि और महत्वपूर्ण मुहूर्त।
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महानवमी: मां दुर्गा की पूजा विधि और महत्व

महानवमी का महत्व


महानवमी पर मां सिद्धिदात्री की पूजा
आज नवरात्रि का नवमी तिथि है, जिसे महानवमी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन मां दुर्गा के नौवें स्वरूप, मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है, और यह नवरात्रि पर्व का समापन भी है।


भक्त इस दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा के साथ-साथ हवन और कन्या पूजन भी करते हैं। इसे दुर्गा नवमी के रूप में मनाया जाता है। आइए जानते हैं इस दिन की पूजा विधि।


नवमी पूजा मुहूर्त


  • नवमी तिथि प्रारंभ: 30 सितंबर 2025 को 06:06 PM

  • नवमी तिथि समाप्त: 01 अक्टूबर 2025 को 07:01 PM

  • लाभ मुहूर्त: 06:14 AM से 07:43 AM

  • अमृत मुहूर्त: 07:43 AM से 09:12 AM

  • शुभ मुहूर्त: 10:41 AM से 12:10 PM

  • लाभ मुहूर्त: 04:38 PM से 06:07 PM


नवमी हवन मुहूर्त


  • हवन मुहूर्त: 06:14 AM से 06:07 PM


कन्या पूजन मुहूर्त

नवमी पर कन्या पूजन हवन के बाद किसी भी समय किया जा सकता है।


नवमी पूजा विधि


  • सुबह जल्दी उठकर पूजा की तैयारी करें।

  • हवन सामग्री पहले से एकत्रित कर लें।

  • परिवार के साथ मिलकर हवन में आहुति दें।

  • हवन के बाद मां सिद्धिदात्री या मां अंबे की विधि विधान से पूजा करें।

  • माता के मंत्रों का जाप करें और भोग अर्पित करें। अंत में आरती करें।

  • माता की पूजा के बाद कन्या पूजन करें।

  • कन्याओं को हलवा, पूरी, चना और उपहार भेंट करें।

  • कन्या पूजन के बाद व्रत का पारण करें।

  • जो लोग दशमी के दिन व्रत खोलते हैं, वे अपनी परंपरा के अनुसार उसी दिन व्रत का पारण करें।