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मार्गशीर्ष अमावस्या 2025: पूजा विधि और महत्व

मार्गशीर्ष अमावस्या 2025 का महत्व जानें, जिसमें भगवान विष्णु की पूजा और पितरों के लिए तर्पण का विशेष महत्व है। इस दिन मां लक्ष्मी के 108 नामों का जाप करने से आर्थिक समृद्धि की प्राप्ति होती है। जानें इस दिन की तिथि और पूजा विधि के बारे में विस्तार से।
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मार्गशीर्ष अमावस्या 2025: पूजा विधि और महत्व

मार्गशीर्ष अमावस्या 2025 की तिथि

मार्गशीर्ष अमावस्या 2025 की तिथि: मार्गशीर्ष माह में भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व है। सनातन धर्म में पितृपक्ष के दौरान पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध की परंपरा है। इस दिन पितरों को तर्पण देने और पवित्र नदियों में स्नान करने का विशेष महत्व है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण ने भगवद्गीता में कहा है, 'महीनों में मैं मार्गशीर्ष हूं।' यह दिन चंद्र देव को भी समर्पित है।


मार्गशीर्ष अमावस्या 2025 की तिथि

मार्गशीर्ष अमावस्या की तिथि:
मार्गशीर्ष अमावस्या की शुरुआत 19 नवंबर 2025 को सुबह 09:43 बजे होगी। यह तिथि 20 नवंबर 2025 को दोपहर 12:16 बजे समाप्त होगी।


भगवान विष्णु और शिवजी की पूजा

भगवान विष्णु और शिवजी की विधिपूर्वक पूजा:
इस दिन सूर्य देव को जल अर्पित करें और व्रत का संकल्प लें। साथ ही भगवान विष्णु और शिवजी की विधिपूर्वक पूजा करें।


लक्ष्मी जी के 108 नामों का जाप

लक्ष्मी जी के 108 नामों का जाप:
धार्मिक मान्यता है कि मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन मां लक्ष्मी के 108 नामों का जाप करने से आर्थिक तंगी दूर होती है और घर में लक्ष्मी जी का वास होता है। आप अगहन अमावस्या के दिन नीचे दिए गए लक्ष्मी जी के 108 नामों का जाप कर सकते हैं।