Newzfatafatlogo

मार्गशीर्ष अमावस्या 2025: महत्व और पूजा विधि

मार्गशीर्ष अमावस्या 2025 का पर्व 20 नवंबर को मनाया जाएगा। इस दिन स्नान, दान और भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व है। जानें इस दिन के उपाय और पितरों की तृप्ति के लिए क्या करना चाहिए। इस लेख में अमावस्या के महत्व और पूजा विधि के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है।
 | 
मार्गशीर्ष अमावस्या 2025: महत्व और पूजा विधि

मार्गशीर्ष अमावस्या का महत्व

सनातन धर्म में मार्गशीर्ष का महीना अत्यंत शुभ माना जाता है और यह भगवान कृष्ण को भी प्रिय है। हर महीने अमावस्या की तिथि आती है, जिसका हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। इस दिन स्नान और दान करना बहुत शुभ माना जाता है। पवित्र नदियों में स्नान करना विशेष रूप से लाभकारी होता है। अमावस्या को पितरों की तृप्ति और दान-पुण्य के लिए सर्वोत्तम माना जाता है। जो लोग इस दिन स्नान, दान और पूजा करते हैं, उन्हें धन, सुख और समृद्धि प्राप्त होती है, साथ ही जीवन की बाधाएं भी दूर होती हैं।


मार्गशीर्ष अमावस्या 2025 की तिथि

मार्गशीर्ष अमावस्या इस वर्ष 20 नवंबर (गुरुवार) को मनाई जाएगी। अमावस्या तिथि का आरंभ 19 नवंबर 2025 को सुबह 9:43 बजे होगा और इसका समापन 20 नवंबर 2025 को दोपहर 12:16 बजे होगा। उदया तिथि के अनुसार, 20 नवंबर को मार्गशीर्ष अमावस्या का पर्व मनाया जाएगा।


- स्नान और दान का शुभ समय: 20 नवंबर 2025, सुबह 6:48 बजे।


अमावस्या के दिन करने योग्य उपाय

[object Object]


[object Object]


[object Object]


मार्गशीर्ष अमावस्या का महत्व

इस तिथि को पितरों की शांति और परिवार की सुख-समृद्धि के लिए विशेष माना जाता है। अमावस्या के दिन श्रद्धा और विधिपूर्वक भगवान विष्णु की पूजा करने से व्यक्ति को मानसिक शांति, आर्थिक प्रगति और सभी प्रकार के दोषों से मुक्ति मिल सकती है।