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मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर धन प्राप्ति के लिए करें ये विशेष उपाय

मार्गशीर्ष पूर्णिमा, जो इस साल 4 दिसंबर को है, धन प्राप्ति के लिए विशेष अवसर है। इस रात मां लक्ष्मी और चंद्र देव की कृपा पाने के लिए कई उपाय किए जा सकते हैं। जानें कि इस पूर्णिमा की रात क्या करना चाहिए, जैसे मां लक्ष्मी की पूजा, चंद्रमा को अर्घ्य देना, और अन्य ज्योतिषीय उपाय। इन उपायों से न केवल धन की प्राप्ति हो सकती है, बल्कि मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति भी संभव है।
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मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर धन प्राप्ति के लिए करें ये विशेष उपाय

पूर्णिमा की रात का महत्व


माता लक्ष्मी और चंद्र देव की कृपा के लिए विशेष तिथि
पूर्णिमा और अमावस्या का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। अमावस्या पितरों की कृपा के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है, जबकि पूर्णिमा माता लक्ष्मी और चंद्र देव की कृपा पाने का शुभ अवसर है। इस वर्ष की अंतिम पूर्णिमा 4 दिसंबर 2025 को है।


यह मार्गशीर्ष पूर्णिमा है, जो विशेष रूप से महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस रात कुछ ज्योतिषीय उपाय किए जा सकते हैं, जो धन की प्राप्ति में सहायक हो सकते हैं। आइए जानते हैं कि पूर्णिमा की रात क्या करना चाहिए।


पूर्णिमा की रात में करने योग्य उपाय


  • मां लक्ष्मी की पूजा: पूर्णिमा की शाम मां लक्ष्मी की विधिपूर्वक पूजा करें, दीप जलाएं और ऊँ श्रीं ह्रीं क्लीं त्रिभुवन महालक्ष्म्यै अस्मांक दारिर्द्य नाशय प्रचुर धन देहि देहि क्लीं ह्रीं श्रीं ऊँ मंत्र का 108 बार जाप करें।

  • चंद्रमा को अर्घ्य दें: एक लोटे में पानी, चावल और फूल डालकर चंद्रमा की ओर मुख करके अर्पित करें। इससे कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है।

  • मंत्र जाप करें: लक्ष्मी-नारायण की कृपा के लिए ॐ लक्ष्म्यै नम: या ॐ नमो भगवते वासुदेवाय जैसे मंत्रों का जाप करें।

  • श्री सूक्त या कनकधारा स्तोत्र का पाठ: कर्ज से मुक्ति और धन लाभ के लिए इनका पाठ करें। इससे देवी लक्ष्मी का वास घर में होता है।

  • तुलसी पूजा: तुलसी के पौधे के नीचे शुद्ध घी का दीपक जलाएं और परिक्रमा करें। इससे घर में सुख-समृद्धि आती है।

  • दान-पुण्य करें: अन्न, वस्त्र या धन का दान करें। चंद्रमा से संबंधित चीजों का दान करने से कुंडली में चंद्रमा की स्थिति सुधरती है।

  • पीपल के नीचे दीपक: पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाने से आर्थिक स्थिति मजबूत हो सकती है।

  • कौड़ियां रखें: मां लक्ष्मी की पूजा में पांच पीली कौड़ियां अर्पित करें और उन्हें तिजोरी में रखें।

  • शिवलिंग की पूजा: दूध, दही और शहद से शिवलिंग का अभिषेक करें और शिव चालीसा का पाठ करें।