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मार्गशीर्ष महीने के नियम: जानें क्या करें और क्या न करें

मार्गशीर्ष महीना, जो भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है, 6 नवंबर 2025 से शुरू हो रहा है। इस पवित्र माह में पूजा, भजन-कीर्तन और दान का विशेष महत्व है। जानें इस महीने में क्या करना चाहिए और किन कार्यों से बचना चाहिए। यह लेख मार्गशीर्ष महीने के नियमों और आचार पर प्रकाश डालता है, जिससे आप इस समय का अधिकतम लाभ उठा सकें।
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मार्गशीर्ष महीने के नियम: जानें क्या करें और क्या न करें

भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित मार्गशीर्ष महीना


मार्गशीर्ष महीना भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है
मार्गशीर्ष महीना, जो आज 6 नवंबर 2025 से प्रारंभ हो रहा है, भगवान श्रीकृष्ण के प्रति समर्पित एक पवित्र समय है। इस दौरान भगवान कृष्ण की पूजा और दान करना अत्यंत फलदायी माना जाता है। इस महीने में भगवान विष्णु और उनके अवतार श्रीकृष्ण की पूजा, भजन-कीर्तन और दान का विशेष महत्व है। हालांकि, इस पवित्र महीने में पूजा का पूरा लाभ उठाने के लिए कुछ नियमों का पालन करना आवश्यक है। आइए जानते हैं मार्गशीर्ष महीने में क्या करना चाहिए और किन कार्यों से बचना चाहिए।


मार्गशीर्ष महीने में क्या करें?


  • इस महीने में भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप (लड्डू गोपाल) की प्रतिदिन पूजा करें।

  • यमुना या गंगा में स्नान करना इस माह में अमृत स्नान के समान माना जाता है।

  • घर के मुख्य द्वार और मंदिर में तुलसी के पौधे के पास दीपक जलाएं। इससे माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।

  • गीता का पाठ करें, विशेषकर एकादशी और पूर्णिमा पर, इससे ज्ञान और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

  • गरीबों और जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र, गुड़, कम्बल या तिल का दान करें। इससे सभी कष्ट दूर होते हैं।

  • शंख की पूजा और उसे बजाने से घर में शांति और समृद्धि आती है।


मार्गशीर्ष महीने में क्या नहीं करें?


  • इस महीने में बासी या ठंडा भोजन नहीं करना चाहिए। केवल ताजा और सात्विक भोजन करें।

  • प्रतिदिन शरीर पर तेल की मालिश करने से बचें।

  • किसी के प्रति क्रूरता न दिखाएं और अपशब्द न कहें। सात्विक विचार रखें।

  • कुछ क्षेत्रों में जीरे का प्रयोग वर्जित है; इसके स्थान पर धनिया और मेथी का उपयोग करें।

  • तामसिक चीजों से दूर रहें।