Newzfatafatlogo

मुहर्रम 2025: शायरी और संदेश जो दिल को छू लें

मुहर्रम 2025 के अवसर पर, हम आपके लिए लाए हैं दिल को छू लेने वाली शायरी और संदेश जो इमाम हुसैन की शहादत को याद दिलाते हैं। यह पवित्र महीना न केवल ग़म का है, बल्कि सच्चाई और इंसानियत के लिए खड़े होने का भी प्रतीक है। इस लेख में, आप जानेंगे कैसे शायरी और कोट्स के माध्यम से इस्लामी नववर्ष की शुरुआत को खास बनाया जा सकता है। अपने प्रियजनों के साथ इन संदेशों को साझा करें और इस पवित्र महीने की गहराई को महसूस करें।
 | 
मुहर्रम 2025: शायरी और संदेश जो दिल को छू लें

मुहर्रम 2025 शायरी और संदेश

मुहर्रम 2025 शायरी और कोट्स: क्या आप मुहर्रम शायरी 2025 की खोज में हैं? तो रुकिए, क्योंकि हम आपके लिए लाए हैं कुछ बेहतरीन शायरी और कोट्स, जो आपके दिल को छू लेंगे और इमाम हुसैन की शहादत की याद ताज़ा करेंगे। मुहर्रम, इस्लामी कैलेंडर का पहला महीना, केवल एक तारीख नहीं, बल्कि एक गहरी भावना है। यह वह समय है जब कर्बला का तपता मैदान और इमाम हुसैन का बलिदान हर जुबान पर होता है। यह महीना हमें सिखाता है कि ज़ुल्म के आगे कभी झुकना नहीं चाहिए। आइए, इस मुहर्रम कुछ ऐसी शायरी और संदेशों के साथ अपने प्रियजनों को जोड़ें, जो इस पवित्र महीने की गहराई को व्यक्त करें।


मुहर्रम 2025 शायरी


हुसैन की शहादत से जगमगा रही है ज़मीन,
आसमान भी रो पड़ा, उनके लहू के रंग से।
हुसैन के नाम से, है सजी ये दुनिया सारी,
कर्बला की कहानी से, चलती है ये दुनिया प्यारी।
मुहर्रम मुबारक


अल्लाह की राह में, जो कुर्बान हुआ हुसैन,
उनकी शहादत है, हर मुसलमान के लिए नूर।
सच्चाई और इंसाफ के लिए, लड़ा हुसैन ने जंग,
कर्बला के मैदान में, उन्होंने लिख दी इतिहास की नई संग।
मुहर्रम मुबारक


मुहर्रम के इस मौके पर,
हम सब मिलकर कर्बला के शहीदों की याद में झुकते हैं
और उनकी कुर्बानी को याद करते हैं।
अल्लाह हमें उनके रास्ते पर चलने की तौफीक दे।
मुहर्रम मुबारक


मुहर्रम शायरी 2025


या हुसैन! तेरी शहादत, है ईमान की शान।
तेरे जैसा बहादुर, दुनिया में कोई नहीं हुआ।
आज भी तेरे अकीदे पर, लाखों लोग चलते हैं।
मुहर्रम मुबारक 2025


आज भी तेरे अकीदे पर, लाखों लोग चलते हैं।
या हुसैन! तेरी शहादत, है हमेशा के लिए अमर।


मुहर्रम शायरी 2025


मुहर्रम हम सब मिलकर शहीदे कर्बला की याद में
नमाज, मातम और मजलिस में शामिल होते हैं।
या हुसैन! आपकी शहादत ने हमें सिखाया है
कि कैसे तकलीफ में आपने हमें बचाया है।
Youm-E-Ashura


कर्बला की रेत पर बिखरी जो हुसैन की लाश,
हर ज़र्रा कह रहा था, हुसैन हम शर्मिंदा हैं।
रूहें भी आज रोईं, हर शब गम में डूबी,
कर्बला की मिट्टी आज भी नम है हुसैन की कुर्बानी से।
मुहर्रम मुबारक 2025


कर्बला शायरी स्टेटस


मुकद्दस मौके पर दुआ करें..
कि अल्लाह तआला हमारी गलतियों को...
माफ करे और हमें सच्चे मुसलमान बनाए...
सच्चाई की राह में शहीद होना ही सच्ची ज़िंदगी
मुहर्रम मुबारक


“या हुसैन! तेरी शहादत, है हमेशा के लिए अमर।
आज भी तेरे अकीदे पर, लाखों लोग चलते हैं।”


“लुटा के अपने घर-बार कर्बला में,
हुसैन ने जमाने को इंसानियत का सबक दिया।”


कर्बला का वो बलिदान, जो आज भी ज़िंदा है


कर्बला का ज़िक्र आते ही मन में एक सिहरन-सी दौड़ जाती है। इमाम हुसैन ने अपने परिवार और वफादार साथियों के साथ मिलकर यज़ीद के ज़ुल्म के खिलाफ आवाज़ बुलंद की थी। यह वह जंग थी, जहां खून की नदियां बहीं, लेकिन सच्चाई का परचम लहराया। हुसैन ने अपनी जान की कुर्बानी देकर यह साबित किया कि इंसाफ की लड़ाई में हार नहीं होती। हर साल मुहर्रम हमें उनकी उस कुर्बानी की याद दिलाता है, जो आज भी लाखों दिलों में ज़िंदा है।


कर्बला शायरी


कर्बला के मैदान में हुसैन ने दिया बलिदान,
सच्चाई और इंसाफ के लिए, उन्होंने दिया अपना नाम।
मुहर्रम का मतलब है सच्चाई और इंसानियत के लिए लड़ना।
कर्बला के शहीदों की कुर्बानी को सलाम।
मुहर्रम मुबारक


कर्बला की घटना हमें यह सिखाती है
कि सच्चाई की राह पर चलने के लिए
हमें किसी भी कुर्बानी से पीछे नहीं हटना चाहिए।
मुहर्रम मुबारक


मुहर्रम की शायरी


मुहर्रम का महीना ग़म और इबादत का महीना है। इस दौरान लोग शायरी और कोट्स के ज़रिए अपने जज़्बात को बयां करते हैं। ये शायरी न सिर्फ इमाम हुसैन की शहादत को सलाम करती है, बल्कि हमें सही रास्ते पर चलने की हिम्मत भी देती है। मिसाल के तौर पर:


“कर्बला की मिट्टी में बस्ता है हुसैन का इमान,
सच्चाई की राह पर चल, न डर ज़ुल्म के तूफान।”


ऐसी शायरी को आप अपने दोस्तों और परिवार तक व्हाट्सएप या सोशल मीडिया के ज़रिए पहुंचा सकते हैं। ये संदेश आपके रिश्तों को और मज़बूत करेंगे।


मुहर्रम 2025 शुभकामनाएं


मुहर्रम का यह पवित्र महीना
हमें कर्बला के शहीदों की याद दिलाता है।
अल्लाह हमें उनकी का पालन करने की तौफीक दे।
मुहर्रम मुबारक


इस मुकद्दस मौके पर दुआ करें
कि अल्लाह तआला हमारी गलतियों को
माफ करे और हमें सच्चे मुसलमान बनाए।
सच्चाई की राह में शहीद होना ही सच्ची ज़िंदगी है।


इस्लामी नववर्ष की शुरुआत का खास अंदाज़


मुहर्रम सिर्फ ग़म का महीना नहीं, बल्कि इस्लामी नववर्ष की शुरुआत भी है। इस मौके पर लोग दुआएं मांगते हैं, रोज़ा रखते हैं और हुसैन की शहादत को याद करते हैं। ये महीना हमें सिखाता है कि मुश्किलों के बावजूद सच्चाई और इंसानियत के लिए खड़ा होना ज़रूरी है। मुहर्रम की शायरी और कोट्स इस भावना को और गहरा करते हैं। जैसे:
“हुसैन का पैगाम है, सच्चाई का आलम,
ज़ुल्म के सामने न झुक, ये है कर्बला का मरहम।”


मुहर्रम कर्बला शायरी


कर्बला की धरती पर, हुसैन का लहू बहा,
सच्चाई की राह में, उन्होंने शहादत पाया।
या हुसैन! तेरी शहादत, हमेशा रहेगी याद,
तेरे ही नक्शे कदम पर, चलेंगे हम सदा।
Youm-E-Ashura 2025


हुसैन! आपकी क़ुरबानी की मिसाल नहीं कोई,
आपकी शहादत है, हर मुश्किल में ढाल हमारी।
कर्बला की वीरता, हुसैन ने दिखाई,
सच्चाई की राह में, कभी ना झुके सिर झुकाई।
मुहर्रम मुबारक


अपनों को बांटें ये रूहानी संदेश


इस मुहर्रम 2025, कुछ खास शायरी और कोट्स के साथ अपनों को इस पवित्र महीने की याद दिलाएं। ये संदेश न सिर्फ आपके जज़्बात को ज़ाहिर करेंगे, बल्कि इस्लामी नववर्ष को और खास बनाएंगे। मिसाल के तौर पर:
“मुहर्रम का ग़म दिल में बसता है,
हुसैन का बलिदान हमें रास्ता दिखाता है।”


तो इंतज़ार किस बात का? इस मुहर्रम, अपने दिल की बात शायरी के ज़रिए बयां करें और कर्बला की उस अमर कहानी को हर दिल तक पहुंचाएं।


कर्बला शायरी संदेश


मुहर्रम के मौके पर याद करो वो कुर्बानी
जो सिखा गया सही मतलब इस्लाम की
जमाना हुसैन का सर दे के दो जहां की हुकूमत खरीद
ली महंगा पड़ा यजीद को सौदा हुसैन का।


जिसने हक के लिए सिर कटाया,
उस हुसैन को सलाम हमारा।
कर्बला की जमीं पे जो लहू बहा, हुसैन का,
उसकी हर बूंद ने, जमाने को रास्ता दिखाया।
Youm-E-Ashura 2025


मुहर्रम 2025 मुबारक शायरी


कर्बला के शहीदों की कुर्बानी हमें यह सिखाती है
कि सच्चाई की राह पर चलने के लिए हमें
किसी भी कुर्बानी से पीछे नहीं हटना चाहिए।
मुहर्रम मुबारक 2025


खुदा की मर्जी पर, किया हुसैन ने खुद को कुर्बान
कर्बला की धरती पर, उन्होंने लिख दिया अपना नाम।
या हुसैन! आपके नाम की हमेशा रहेगी धूम,
आपकी शहादत है, हर मुसलमान के लिए महकता फूल।
Youm-E-Ashura