रक्षाबंधन पर सुराणा गांव की अनोखी परंपरा: श्रद्धांजलि दिवस

सुराणा गांव की दर्दनाक परंपरा
Raksha Bandhan 2025: गाजियाबाद से लगभग 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मुरादनगर तहसील का सुराणा गांव रक्षाबंधन के अवसर पर एक अनोखी और दुखद परंपरा का पालन करता है। यहां के निवासी इस पर्व को मनाना अशुभ मानते हैं। ऐसा माना जाता है कि सदियों पहले रक्षाबंधन के दिन इस गांव में एक भयानक नरसंहार हुआ था। इतिहास के अनुसार, मोहम्मद गौरी ने पृथ्वीराज चौहान के वंशजों पर हमला किया था, जिसमें निर्दोष बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों को जंगली हाथियों से कुचला गया था। इस दिल दहला देने वाली घटना की याद में गांव के छाबड़िया गोत्र के लोग रक्षाबंधन को 'श्रद्धांजलि दिवस' के रूप में मनाते हैं। यहां न तो पूजा होती है और न ही राखी बंधती है, केवल पूर्वजों को याद किया जाता है। गांव के युवा बताते हैं कि इस परंपरा को तोड़ना उनके लिए अपमानजनक होगा। इस साल भी सुराणा गांव में राखी नहीं बंधेगी, लेकिन बलिदान की याद हमेशा जीवित रहेगी.