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रक्षाबंधन: भारत के विभिन्न राज्यों में मनाए जाने वाले अनोखे तरीके

रक्षाबंधन का त्योहार भाई-बहन के रिश्ते का प्रतीक है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसे विभिन्न राज्यों में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है? मध्य प्रदेश में पत्थर युद्ध, महाराष्ट्र में नराली पूर्णिमा, ओडिशा में गम्हा पूर्णिमा और गुजरात में पवित्रा एकादशी जैसे अनोखे उत्सव मनाए जाते हैं। इस लेख में जानें रक्षाबंधन के पीछे की मान्यताएं और रस्में, और इस साल का शुभ मुहूर्त क्या है।
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रक्षाबंधन: भारत के विभिन्न राज्यों में मनाए जाने वाले अनोखे तरीके

रक्षाबंधन का महत्व

रक्षाबंधन: यह त्योहार भाई-बहन के रिश्ते का प्रतीक है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और मिठाई खिलाती हैं। भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं और उनकी रक्षा का वचन लेते हैं। यह पर्व हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भाई-बहनों के अलावा, इस त्योहार से जुड़ी कई अन्य मान्यताएं और रस्में भी हैं? ये रस्में विभिन्न राज्यों में भिन्न होती हैं। कहीं पर पशुओं को राखी बांधी जाती है, तो कहीं समुद्र देव को नारियल अर्पित कर इस पर्व को मनाया जाता है। आइए, इन रस्मों के बारे में विस्तार से जानते हैं।


राज्य विशेष में रक्षाबंधन का उत्सव

रक्षाबंधन के दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर मौली बांधती हैं, लेकिन यह त्योहार केवल यहीं तक सीमित नहीं है।


मध्य प्रदेश: धार जिले के मनावर, बाग और झाबुआ में पत्थर युद्ध की एक अनोखी रस्म होती है। इसमें दो गांव या जाति समूह के लोग एक-दूसरे पर पत्थर फेंकते हैं, लेकिन ये पत्थर किसी को चोट नहीं पहुंचाते। यह रस्म नाग देवता या शक्ति स्वरूप देवी को समर्पित है।


महाराष्ट्र: यहां राखी पूर्णिमा के साथ नराली पूर्णिमा भी मनाई जाती है। इस दिन समुद्र देव को नारियल अर्पित किया जाता है। इसके अलावा, श्रावणी या अवनि अवित्तम भी मनाया जाता है, जिसमें ब्राह्मण पुरुष यज्ञ करते हैं।



ओडिशा: यहां गम्हा पूर्णिमा के दिन भाई को बहनें राखी बांधती हैं। इस दिन गाय और बैल को भी राखी बांधी जाती है, खासकर किसान इस पूजा को करते हैं। ओडिशा में इस अवसर पर विशेष रूप से पीठा बनाया जाता है।


गुजरात: यहां राखी बांधने के साथ-साथ पवित्रा एकादशी भी मनाई जाती है। कई समुदायों में माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा की जाती है।


पश्चिम बंगाल: यहां राखी के साथ झुलन यात्रा भी होती है। वैष्णव समुदाय के लोग इस दिन झूले लगाते हैं और भगवान कृष्ण की झूलन यात्रा निकाली जाती है।


रक्षाबंधन का मुहूर्त

इस वर्ष रक्षाबंधन 9 अगस्त को मनाया जाएगा। इस दिन बहनें अपने भाइयों को सुबह 6 बजे से दोपहर 2 बजे तक राखी बांध सकती हैं। यह समय रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त है।