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राजस्थान के सांवलिया सेठ मंदिर में दान का नया रिकॉर्ड

राजस्थान के मेवाड़ में स्थित भगवान श्री सांवलिया सेठ का मंदिर इस वर्ष दान के मामले में एक नया रिकॉर्ड स्थापित करने में सफल रहा है। मंदिर प्रशासन ने 23 जुलाई से 1 अगस्त के बीच दान की राशि का आंकलन किया, जिसमें कुल 28 करोड़ 32 लाख 45 हजार 555 रुपये नकद प्राप्त हुए। इसके साथ ही, श्रद्धालुओं ने 1 किलो 443 ग्राम सोना और 204 किलो चांदी भी भेंट की। इस विशेष अवसर पर देशभर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंचे। जानें इस अद्भुत दान की पूरी कहानी।
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सांवलिया सेठ मंदिर में दान की अद्भुत कहानी

राजस्थान के मेवाड़ क्षेत्र में स्थित भगवान श्री सांवलिया सेठ का मंदिर इस वर्ष दान के मामले में एक नया कीर्तिमान स्थापित करने में सफल रहा है। मंदिर प्रशासन ने हाल ही में दान की राशि का आंकलन किया, जिसमें कुल 28 करोड़ 32 लाख 45 हजार 555 रुपये नकद प्राप्त हुए। इसके साथ ही, श्रद्धालुओं ने 1 किलो 443 ग्राम सोना और 204 किलो चांदी भी भेंट की। यह गणना 23 जुलाई से 1 अगस्त के बीच की गई थी। गणना की प्रक्रिया में बैंक कर्मचारियों, मंदिर के सदस्यों और सुरक्षा अधिकारियों की देखरेख में पारदर्शिता सुनिश्चित की गई।


दान की गणना के पहले चरण में 7 करोड़ 15 लाख रुपये, दूसरे चरण में 3 करोड़ 35 लाख रुपये, तीसरे चरण में 7 करोड़ 63 लाख रुपये, चौथे चरण में 3 करोड़ रुपये, पांचवें चरण में 88 लाख 65 हजार रुपये, छठे चरण में 20 लाख 85 हजार रुपये और अंतिम चरण में 28 करोड़ 32 लाख रुपये एकत्रित हुए। कुल दान राशि में से 22 करोड़ 22 लाख 76 हजार 77 रुपये राजकोष से और 6 करोड़ 09 लाख 69 हजार 478 रुपये दान कक्ष से प्राप्त हुए। इसके अतिरिक्त, श्रद्धालुओं ने सोने-चाँदी के आभूषण भी दान किए। राजकोष से 410 ग्राम सोना और 80 किलो 500 ग्राम चांदी प्राप्त हुई, जबकि दान कक्ष से 1 किलो 33 ग्राम सोना और 124 किलो चांदी मिली।


इस बार कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को राजकोष खोला गया, जिसके बाद दान की गणना लगातार जारी रही। हरियाली अमावस्या और रविवार को भारी भीड़ के कारण गणना कार्य को कुछ समय के लिए रोकना पड़ा। इस विशेष धार्मिक अवसर पर देशभर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु श्री सांवलिया सेठ के दर्शन के लिए आए। भगवान श्री सांवलिया सेठ का मंदिर न केवल राजस्थान में, बल्कि पूरे देश में करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बन चुका है। हर साल लाखों लोग यहाँ दान-पुण्य करने और अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए आते हैं। इस बार प्राप्त रिकॉर्ड दान मंदिर की बढ़ती लोकप्रियता को दर्शाता है।