लद्दाख हिंसा: सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी और SECMOL पर कार्रवाई

लद्दाख में हालिया हिंसा
हाल ही में लद्दाख के लेह में हुई हिंसा के बाद, पुलिस ने प्रसिद्ध पर्यावरण कार्यकर्ता और शिक्षा सुधारक सोनम वांगचुक को गिरफ्तार कर लिया है। इस झड़प में चार लोगों की जान गई और कई अन्य घायल हुए हैं।
पुलिस का आरोप है कि वांगचुक की भूख हड़ताल के दौरान की गई टिप्पणियों ने भीड़ को भड़काया, जिसमें उन्होंने लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने और पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग की थी। उन्हें डीजीपी एस.डी. सिंह जामवाल के नेतृत्व में हिरासत में लिया गया।
SECMOL पर कार्रवाई
गिरफ्तारी से पहले, केंद्र सरकार ने वांगचुक के संगठन, स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (SECMOL) का विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (FCRA) के तहत लाइसेंस रद्द कर दिया था। गृह मंत्रालय ने बताया कि पहले एक कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, लेकिन जवाब असंतोषजनक पाया गया।
उपराज्यपाल का बयान
लद्दाख के उपराज्यपाल कविंदर गुप्ता ने कहा कि स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है। शैक्षणिक संस्थानों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है और धारा 163 लागू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र की शांति को भंग करने की अनुमति किसी को नहीं दी जाएगी।
गुप्ता ने SECMOL के खिलाफ सरकार के कदम का समर्थन करते हुए कहा कि यह निर्णय सबूतों पर आधारित है और ऐसे तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी।
गृह मंत्रालय का रुख
गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि SECMOL का एफसीआरए पंजीकरण विदेशी चंदे से वित्त पोषित सांस्कृतिक और शैक्षिक कार्यक्रमों के लिए दिया गया था। हालांकि, कानून का उल्लंघन पाया गया, जिससे पंजीकरण रद्द करना आवश्यक हो गया।
अधिकारियों ने विश्वास व्यक्त किया कि लद्दाख में स्थिति जल्द ही सामान्य हो जाएगी। इस बीच, पुलिस और केंद्रीय एजेंसियाँ हिंसा और उससे जुड़े आरोपों की जांच कर रही हैं।