Newzfatafatlogo

वाराणसी में नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा का उत्सव

वाराणसी में शारदीय नवरात्रि का दूसरा दिन मनाया जा रहा है, जिसमें मां ब्रह्मचारिणी की पूजा का विशेष महत्व है। भक्तों की भारी भीड़ प्राचीन मंदिरों में देखी जा रही है, जहां विशेष पूजा और प्रार्थनाएं की जा रही हैं। मां ब्रह्मचारिणी के दर्शन से भक्तों को धन, सुख और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। इस दिन की पूजा से साधकों में तप, धैर्य और संयम की शक्ति आती है। जानें इस दिन की विशेषताएं और भक्तों के अनुभव।
 | 
वाराणसी में नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा का उत्सव

नवरात्रि का दूसरा दिन: मां ब्रह्मचारिणी की आराधना

वाराणसी: शारदीय नवरात्रि का मंगलवार को दूसरा दिन मनाया जा रहा है। इस दिन मां दुर्गा के दूसरे स्वरूप, मां ब्रह्मचारिणी, की पूजा की जाती है। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में दुर्गा घाट और ब्रह्माघाट के प्राचीन मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ देखी जा रही है।


मंदिरों में विशेष पूजा और श्रद्धालुओं के जयकारों से माहौल भक्तिमय हो गया है। भक्त मां के दर्शन के साथ-साथ अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना कर रहे हैं।


कहा जाता है कि इस मंदिर में मां ब्रह्मचारिणी के दर्शन से संतान सुख की प्राप्ति होती है और वे अपने भक्तों को धन और समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं। नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा का विशेष महत्व है। मां ब्रह्मचारिणी संयम, तपस्या और ब्रह्मचर्य का प्रतीक मानी जाती हैं।


श्रद्धालुओं ने बताया कि मां ब्रह्मचारिणी नवरात्रि की दूसरी देवी हैं, जिन्हें तपस्या और संयम का प्रतीक माना जाता है। उनके पूजन का महत्व इस बात से समझा जा सकता है कि उन्होंने कठोर तपस्या करके भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त किया।


भक्तों का कहना है कि मां की पूजा से साधक के भीतर तप, धैर्य, त्याग और संयम की शक्ति आती है। मां ब्रह्मचारिणी भक्त को विद्या, विवेक और आध्यात्मिक शक्ति का आशीर्वाद देती हैं। उनकी आराधना से घर में सुख-शांति और सौभाग्य का आगमन होता है, साथ ही ग्रह-नक्षत्रों के अशुभ प्रभाव से मुक्ति भी मिलती है।


ब्रह्मचारिणी मंदिर के महंत राजेश्वर सागर ने बताया कि इस मंदिर में रात में राजोप्रचार पूजा होती है, जिसका अर्थ है कि राजा की तरह पूजा की जाती है। रोजाना रजत के पात्र से भगवती की पूजा की जाती है।


उन्होंने कहा कि इस मंदिर में सालभर भीड़ रहती है, लेकिन नवरात्रि के दूसरे दिन यह और बढ़ जाती है। मंदिर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जाते हैं ताकि श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो और सभी आसानी से दर्शन कर सकें।