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विवेक लागू का निधन: बॉलीवुड में शोक की लहर

बॉलीवुड में एक बार फिर से शोक की लहर दौड़ गई है। प्रसिद्ध मराठी अभिनेता विवेक लागू का 74 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनके निधन की खबर ने मनोरंजन जगत को गहरे दुख में डाल दिया है। विवेक लागू ने कई चर्चित फिल्मों में काम किया और थिएटर में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनकी अंतिम यात्रा शुक्रवार को ओशिवारा श्मशान घाट में होगी। जानें उनके जीवन और करियर के बारे में और कैसे उन्होंने कला की दुनिया में अपनी छाप छोड़ी।
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विवेक लागू का निधन: बॉलीवुड में शोक की लहर

विवेक लागू का निधन


नई दिल्ली: विवेक लागू का निधन: बॉलीवुड में एक बार फिर से दुखद समाचार आया है। दिवंगत अभिनेत्री रीमा लागू के पूर्व पति और प्रसिद्ध मराठी अभिनेता विवेक लागू का 74 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उन्होंने गुरुवार को अंतिम सांस ली, जिससे मनोरंजन जगत में शोक की लहर दौड़ गई। इस दुखद खबर की जानकारी सबसे पहले फिल्म पत्रकार विकी लालवानी ने सोशल मीडिया पर साझा की।


फिल्मों में योगदान

विवेक लागू ने मराठी फिल्म इंडस्ट्री, टेलीविजन शो और थिएटर में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने 'What About Sawarkar?', 'Kaay Kele', और 'Ugly' जैसी फिल्मों में अभिनय किया।


इसके अलावा, वह एक कुशल थिएटर निर्देशक भी रहे हैं, जिन्होंने कई यादगार नाटकों का निर्देशन किया। शांत स्वभाव और गंभीर अभिनय के लिए जाने जाने वाले विवेक ने अपने हर किरदार में गहराई का अहसास कराया।


अंतिम संस्कार की जानकारी

विवेक लागू के निधन का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हुआ है, और परिवार की ओर से कोई आधिकारिक बयान भी जारी नहीं किया गया है। हालांकि, मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उनका अंतिम संस्कार शुक्रवार सुबह ओशिवारा श्मशान घाट में किया जाएगा। इस अंतिम यात्रा में मराठी थिएटर और टीवी जगत के कई कलाकारों के शामिल होने की उम्मीद है।


रीमा और विवेक की प्रेम कहानी

रीमा और विवेक की पहली मुलाकात 1976 में एक थिएटर प्रोजेक्ट के दौरान हुई थी। दोनों का थिएटर के प्रति प्रेम ने उन्हें करीब लाया, और उन्होंने 1978 में शादी कर ली। हालांकि, कुछ वर्षों बाद, उन्होंने आपसी सहमति से अलग होने का निर्णय लिया।


यादगार क्षण

उनकी बेटी मृण्मयी लागू भी एक थिएटर निर्देशक और अभिनेता के रूप में काम कर रही हैं, और अपने माता-पिता की विरासत को आगे बढ़ा रही हैं। विवेक लागू उन कलाकारों में से थे, जिन्होंने कला की सच्चाई को समझा और चकाचौंध से दूर रहकर अपने काम को किया। उनकी परफॉर्मेंस भले ही मुख्यधारा में कम रही हो, लेकिन उन्होंने इंडस्ट्री को कई यादगार क्षण दिए हैं। अब जब वह इस दुनिया को छोड़ चुके हैं, थिएटर की दुनिया में एक खालीपन महसूस किया जाएगा।