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विश्वकर्मा पूजा 2025: जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

विश्वकर्मा पूजा 2025 का आयोजन 17 सितंबर को होगा। यह पर्व हर साल कन्या संक्रांति के दिन मनाया जाता है। जानें इस पूजा का महत्व, शुभ मुहूर्त और विधि। पूजा से व्यापार में लाभ और तरक्की की प्राप्ति होती है। इस लेख में हम आपको पूजा की सही विधि और समय के बारे में विस्तार से बताएंगे।
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विश्वकर्मा पूजा 2025: जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

विश्वकर्मा पूजा का महत्व

विश्वकर्मा पूजा 2025: हर वर्ष कन्या संक्रांति के दिन मनाई जाने वाली विश्वकर्मा पूजा इस बार भी धूमधाम से आयोजित की जाएगी। यह पर्व 17 सितंबर 2025, बुधवार को मनाया जाएगा। मान्यता है कि भगवान विश्वकर्मा समुद्र मंथन के दौरान प्रकट हुए थे। उन्हें भगवान ब्रह्मा का सातवां पुत्र और संसार का पहला शिल्पकार, वास्तुकार और इंजीनियर माना जाता है।


पूजा का महत्व

कहा जाता है कि जिन घरों, कारखानों या दुकानों में विश्वकर्मा पूजा की जाती है, वहां माता लक्ष्मी का वास होता है और व्यापार में लाभ बढ़ता है। लैपटॉप या मोबाइल से काम करने वालों को भी इस पूजा का आयोजन करना चाहिए, क्योंकि इससे कार्य में प्रगति होती है। आइए जानते हैं विश्वकर्मा पूजा की तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा की विधि।


विश्वकर्मा पूजा की तिथि

इस वर्ष विश्वकर्मा पूजा 17 सितंबर 2025, बुधवार को मनाई जाएगी। यह पर्व हर साल कन्या संक्रांति के दिन होता है, जो व्यापारियों और कारीगरों के लिए विशेष महत्व रखता है।


शुभ मुहूर्त

विश्वकर्मा जयंती सूर्य के कन्या राशि में प्रवेश के साथ मनाई जाती है। 16 सितंबर 2025 को रात 1:47 बजे सूर्य कन्या राशि में प्रवेश करेंगे। इसलिए 17 सितंबर को सूर्योदय से पूजा का शुभ समय शुरू होगा। पूजा का सबसे उपयुक्त समय सुबह 10:43 से दोपहर 12:16 तक रहेगा। इस दौरान पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।


पूजा विधि

विश्वकर्मा पूजा के दिन सुबह स्नान के बाद अपने कार्यस्थल, दुकान या कारखाने की अच्छी तरह सफाई करें। वहां रखे औजारों को भी साफ करें। फिर एक साफ चौकी पर भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। पूजा आरंभ करने से पहले भगवान विष्णु का ध्यान करें। इसके बाद विश्वकर्मा जी को धूप, दीप, फूल, अक्षत और भोग अर्पित करें। पूजा के अंत में विश्वकर्मा जी की आरती करें और प्रसाद बांटें। प्रसाद ग्रहण करने के बाद इसे दूसरों में भी बांटें।