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शरद पूर्णिमा पर भद्रा का प्रभाव: खीर रखने का सही समय जानें

शरद पूर्णिमा पर भद्रा का प्रभाव विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। इस दिन खीर रखने का सही समय जानना आवश्यक है, क्योंकि भद्रा के दौरान शुभ कार्य करना वर्जित माना जाता है। जानें कब से कब तक भद्रा रहेगी और कैसे आप अपनी खीर को सुरक्षित रख सकते हैं। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि चंद्रमा की किरणों का खीर पर क्या प्रभाव पड़ता है और इसे कैसे तैयार करना चाहिए।
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शरद पूर्णिमा पर भद्रा का प्रभाव: खीर रखने का सही समय जानें

भद्रा में शुभ कार्य करना वर्जित


शरद पूर्णिमा का महत्व
आज शरद पूर्णिमा का पर्व मनाया जा रहा है। इस दिन लोग व्रत रखते हैं और रात में चंद्रमा को अर्घ्य देकर खीर बनाते हैं, जिसे चाँद की रोशनी में रखा जाता है। इस बार शरद पूर्णिमा पर भद्रा का साया है, जिसके चलते इस समय कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित माना जाता है।


भद्रा का समय

भद्रा का प्रभाव इस बार शरद पूर्णिमा पर अधिक रहेगा। भद्रा का प्रारंभ 12 बजकर 23 मिनट पर होगा और यह रात 10 बजकर 53 मिनट तक जारी रहेगा। यदि आप इस दिन कोई शुभ कार्य करना चाहते हैं, तो भद्रा के प्रारंभ से पहले इसे कर लें, लेकिन राहुकाल का भी ध्यान रखना आवश्यक है।


राहुकाल का समय

शरद पूर्णिमा के दिन राहुकाल सुबह 07 बजकर 45 मिनट से 09 बजकर 13 मिनट तक रहेगा। राहुकाल को भी अशुभ माना जाता है। इस दिन वृद्धि योग दोपहर 01 बजकर 14 मिनट तक रहेगा, जिसमें किए गए शुभ कार्यों का फल बढ़ता है।


खीर रखने का सही समय

भद्रा में शुभ कार्य करना वर्जित है, इसलिए शरद पूर्णिमा की रात खीर को भद्रा के समय में नहीं रखना चाहिए। भद्रा का समापन रात 10:53 बजे होगा, इसलिए खीर को भद्रा खत्म होने के बाद ही बाहर रखें। हालांकि, इसके लिए आपको रात में जागना होगा।


खीर को सुरक्षित रखने के उपाय

आप शरद पूर्णिमा की रात खीर को चाँदनी में पूरी रात सुरक्षित रख सकते हैं और सुबह इसका सेवन कर सकते हैं। ध्यान रखें कि खीर पर चंद्रमा की किरणें पड़ती रहें और उसमें कोई कीड़ा या बिल्ली न लगे।


चंद्रमा की किरणों का महत्व

शरद पूर्णिमा की खीर को सेहत के लिए लाभकारी माना जाता है। मान्यता है कि इस रात चंद्रमा की किरणों से अमृत वर्षा होती है, जो खीर को औषधीय गुण प्रदान करती है।