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शारदीय नवरात्रि: मां दुर्गा की आराधना और धन की प्राप्ति के उपाय

शारदीय नवरात्रि एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जो देवी दुर्गा की पूजा के लिए मनाया जाता है। यह पर्व शक्ति और साहस का प्रतीक है और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इस दौरान मां तुलसी के 108 नामों का जाप करने से धन और समृद्धि की प्राप्ति हो सकती है। जानें इस नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा की आराधना के विशेष उपाय और मां तुलसी के नाम।
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शारदीय नवरात्रि: मां दुर्गा की आराधना और धन की प्राप्ति के उपाय

शारदीय नवरात्रि का महत्व

शारदीय नवरात्रि एक प्रमुख हिंदू त्योहार है, जो देवी दुर्गा की पूजा और आराधना के लिए मनाया जाता है। यह पर्व आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से प्रारंभ होकर नवमी तक चलता है। इस दौरान देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है, जो शक्ति और साहस का प्रतीक माने जाते हैं। नवरात्रि बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है और इसका समापन दशहरा के दिन होता है। इस वर्ष, नवरात्रि का पर्व 22 सितंबर से शुरू हो चुका है।


यदि आप धन और समृद्धि की कामना रखते हैं, तो मां दुर्गा की आराधना से आपकी सभी इच्छाएं पूरी हो सकती हैं। इस अवसर पर देवी तुलसी को जल अर्पित करें और उनके सामने घी का दीपक जलाएं। इसके साथ ही, मां तुलसी के 108 नामों का जाप करें। ऐसा करने से मां तुलसी प्रसन्न होंगी और आपके जीवन में धन-धान्य की कमी नहीं होगी।


मां तुलसी के 108 नाम

- 1. ॐ श्री तुलस्यै नमः।


- 2. ॐ नन्दिन्यै नमः।


- 3. ॐ देव्यै नमः।


- 4. ॐ शिखिन्यै नमः।


- 5. ॐ धारिण्यै नमः।


- 6. ॐ धात्र्यै नमः।


- 7. ॐ सावित्र्यै नमः।


- 8. ॐ सत्यसन्धायै नमः।


- 9. ॐ कालहारिण्यै नमः।


- 10. ॐ गौर्यै नमः।


- 11. ॐ देवगीतायै नमः।


- 12. ॐ द्रवीयस्यै नमः।


- 13. ॐ पद्मिन्यै नमः।


- 14. ॐ सीतायै नमः।


- 15. ॐ रुक्मिण्यै नमः।


- 16. ॐ प्रियभूषणायै नमः।


- 17. ॐ श्रेयस्यै नमः।


- 18. ॐ श्रीमत्यै नमः।


- 19. ॐ मान्यायै नमः।


- 20. ॐ गौर्यै नमः।


- 21. ॐ गौतमार्चितायै नमः।


- 22. ॐ त्रेतायै नमः।


- 23. ॐ त्रिपथगायै नमः।


- 24. ॐ त्रिपादायै नमः।


- 25. ॐ त्रैमूर्त्यै नमः।


- 26. ॐ जगत्रयायै नमः।


- 27. ॐ त्रासिन्यै नमः।


- 28. ॐ गात्रायै नमः।


- 29. ॐ गात्रियायै नमः।


- 30. ॐ गर्भवारिण्यै नमः।


- 31. ॐ शोभनायै नमः।


- 32. ॐ समायै नमः।


- 33. ॐ द्विरदायै नमः।


- 34. ॐ आराद्यै नमः।


- 35. ॐ यज्ञविद्यायै नमः।


- 36. ॐ महाविद्यायै नमः।


- 37. ॐ गुह्यविद्यायै नमः।


- 38. ॐ कामाक्ष्यै नमः।


- 39. ॐ कुलायै नमः।


- 40. ॐ श्रीयै नमः।


- 41. ॐ भूम्यै नमः।


- 42. ॐ भवित्र्यै नमः।


- 43. ॐ सावित्र्यै नमः।


- 44. ॐ सरवेदविदाम्वरायै नमः।


- 45. ॐ शंखिन्यै नमः।


- 46. ॐ चक्रिण्यै नमः।


- 47. ॐ चारिण्यै नमः।


- 48. ॐ चपलेक्षणायै नमः।


- 49. ॐ पीताम्बरायै नमः।


- 50. ॐ प्रोत सोमायै नमः।


- 51. ॐ सौरसायै नमः।


- 52. ॐ अक्षिण्यै नमः।


- 53. ॐ अम्बायै नमः।


- 54. ॐ सरस्वत्यै नमः।


- 55. ॐ सम्श्रयायै नमः।


- 56. ॐ सर्व देवत्यै नमः।


- 57. ॐ विश्वाश्रयायै नमः।


- 58. ॐ सुगन्धिन्यै नमः।


- 59. ॐ सुवासनायै नमः।


- 60. ॐ वरदायै नमः।


- 61. ॐ सुश्रोण्यै नमः।


- 62. ॐ चन्द्रभागायै नमः।


- 63. ॐ यमुनाप्रियायै नमः।


- 64. ॐ कावेर्यै नमः।


- 65. ॐ मणिकर्णिकायै नमः।


- 66. ॐ अर्चिन्यै नमः।


- 67. ॐ स्थायिन्यै नमः।


- 68. ॐ दानप्रदायै नमः।


- 69. ॐ धनवत्यै नमः।


- 70. ॐ सोच्यमानसायै नमः।


- 71. ॐ शुचिन्यै नमः।


- 72. ॐ श्रेयस्यै नमः।


- 73. ॐ प्रीतिचिन्तेक्षण्यै नमः।


- 74. ॐ विभूत्यै नमः।


- 75. ॐ आकृत्यै नमः।


- 76. ॐ आविर्भूत्यै नमः।


- 77. ॐ प्रभाविन्यै नमः।


- 78. ॐ गन्धिन्यै नमः।


- 79. ॐ स्वर्गिन्यै नमः।


- 80. ॐ गदायै नमः।


- 81. ॐ वेद्यायै नमः।


- 82. ॐ प्रभायै नमः।


- 83. ॐ सारस्यै नमः।


- 84. ॐ सरसिवासायै नमः।


- 85. ॐ सरस्वत्यै नमः।


- 86. ॐ शरावत्यै नमः।


- 87. ॐ रसिन्यै नमः।


- 88. ॐ काळिन्यै नमः।


- 89. ॐ श्रेयोवत्यै नमः।


- 90. ॐ यामायै नमः।


- 91. ॐ ब्रह्मप्रियायै नमः।


- 92. ॐ श्यामसुंदरायै नमः।


- 93. ॐ रत्नरूपिण्यै नमः।


- 94. ॐ शमनिधिन्यै नमः।


- 95. ॐ शतानन्दायै नमः।


- 96. ॐ शतद्युतये नमः।


- 97. ॐ शितिकण्ठायै नमः।


- 98. ॐ प्रयायै नमः।


- 99. ॐ धात्र्यै नमः।


- 100. ॐ श्री वृन्दावन्यै नमः।


- 101. ॐ कृष्णायै नमः।


- 102. ॐ भक्तवत्सलायै नमः।


- 103. ॐ गोपिकाक्रीडायै नमः।


- 104. ॐ हरायै नमः।


- 105. ॐ अमृतरूपिण्यै नमः।


- 106. ॐ भूम्यै नमः।


- 107. ॐ श्री कृष्णकान्तायै नमः।


- 108. ॐ श्री तुलस्यै नमः।