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शारदीय नवरात्रि: माता रानी के आगमन से पहले अपनाएं ये वास्तु टिप्स

शारदीय नवरात्रि का पर्व 22 सितंबर से शुरू हो रहा है। इस दौरान माता रानी के आगमन से पहले कुछ महत्वपूर्ण वास्तु नियमों का पालन करना आवश्यक है। घर और मंदिर की सफाई, दक्षिण-पश्चिम दिशा का ध्यान रखना, और मुख्य द्वार की सफाई जैसे उपायों से सकारात्मकता बनी रहती है। जानें और भी टिप्स जो आपको इस पावन अवसर पर मदद करेंगे।
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शारदीय नवरात्रि: माता रानी के आगमन से पहले अपनाएं ये वास्तु टिप्स

वास्तु नियमों का ध्यान रखें, सकारात्मकता बनी रहेगी


शारदीय नवरात्रि का महत्व
नवरात्रि के नौ दिनों में माता रानी के विभिन्न स्वरूपों की पूजा की जाती है। यह समय अत्यंत पवित्र माना जाता है। इस वर्ष शारदीय नवरात्रि 22 सितंबर से शुरू होकर 2 अक्टूबर तक चलेगी। इस दौरान कुछ वास्तु नियमों का पालन करने से माता रानी की कृपा प्राप्त हो सकती है। आइए जानते हैं ये महत्वपूर्ण वास्तु टिप्स।


घर और मंदिर की सफाई करें

माता रानी के आगमन से पूर्व, घर और मंदिर की सफाई करना आवश्यक है। विशेष रूप से दक्षिण-पश्चिम दिशा की सफाई पर ध्यान दें, क्योंकि वास्तु शास्त्र में इसे शनि का क्षेत्र माना गया है।


दक्षिण-पश्चिम कोने में भारी सामान न रखें

इस दिशा में टूटी हुई या भारी वस्तुओं को रखने से बचें। आप इस स्थान पर गहने और महत्वपूर्ण दस्तावेज रख सकते हैं।


मुख्य द्वार पर कूड़ेदान न रखें

मुख्य द्वार को सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश द्वार माना जाता है। इसलिए, इसे साफ-सुथरा रखना जरूरी है। द्वार पर कूड़ेदान या झाड़ू नहीं रखें।


शाम को दीपक जलाएं

सुनिश्चित करें कि आपका मुख्य द्वार बिना आवाज के खुलता है। नवरात्रि के दौरान, शाम को मुख्य द्वार पर दीपक जलाने से सुख-समृद्धि का आगमन होता है।


घर के चारों कोनों में दीपक जलाएं

यदि आप अखंड ज्योत जला रहे हैं, तो इसे दक्षिण-पूर्व दिशा में रखें। नवरात्रि के दौरान, शाम को घर के चारों कोनों में दीपक जलाने से नकारात्मकता दूर होती है।


बेकार चीजें बाहर निकालें

घर में बेकार पड़ी चीजों को नवरात्रि से पहले बाहर निकाल दें, क्योंकि ये नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ा सकती हैं। जरूरतमंदों को काले तिल, भोजन और उड़द दाल का दान करें, जिससे शनि देव की कृपा बनी रहे।