संगमेश्वर: महाराष्ट्र का छिपा हुआ खजाना

महाराष्ट्र में संगमेश्वर
महाराष्ट्र, जो भारत का एक प्रमुख और खूबसूरत राज्य है, अरब सागर और सतपुड़ा पर्वतमाला से घिरा हुआ है। यह राज्य रिमझिम बारिश के दौरान पर्यटन का एक बड़ा केंद्र बन जाता है। जब बारिश होती है, तो लोनावला, माथेरान और महाबलेश्वर जैसे स्थलों पर पर्यटकों की भीड़ लग जाती है। संगमेश्वर, जो महाराष्ट्र की प्रसिद्ध जगहों में से एक है, के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। हल्की बारिश में संगमेश्वर की सुंदरता किसी अद्भुत खजाने से कम नहीं लगती। इस लेख में हम संगमेश्वर की विशेषताओं के बारे में चर्चा करेंगे।
संगमेश्वर की विशेषताएँ
संगमेश्वर, जो रत्नागिरी में स्थित है, एक मनमोहक स्थल है। यह मुंबई से लगभग 284 किमी, पुणे से 247 किमी और कोल्हापुर से करीब 120 किमी दूर है।
संगमेश्वर की प्रसिद्धि
रत्नागिरी जिले में स्थित संगमेश्वर एक छोटा सा शहर है, लेकिन यह अपने धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है। संगमेश्वर मंदिर, जो भगवान शिव को समर्पित है, यहाँ का प्रमुख आकर्षण है।
यह शहर शास्त्री नदी और सोनावी नदी के संगम पर बसा हुआ है, जिससे यहाँ रिमझिम बारिश में पर्यटकों की भीड़ लगती है। इसे रत्नागिरी का छिपा खजाना माना जाता है। यहाँ औरंगजेब ने छत्रपति शिवाजी महाराज के बेटे छत्रपति संभाजी महाराज को बंदी बनाया था।
पर्यटकों के लिए संगमेश्वर का महत्व
संगमेश्वर का इतिहास प्रकृति प्रेमियों के लिए एक स्वर्ग के समान है। यहाँ के वॉटरफॉल, घास के मैदान और नदियाँ इस स्थान की खूबसूरती को बढ़ाती हैं। संगमेश्वर की हरियाली अद्भुत है।
यह स्थान अपने शांत वातावरण के लिए भी प्रसिद्ध है। यहाँ की भागदौड़ से दूर, लोग सुकून के पल बिताने आते हैं। संगमेश्वर में एडवेंचर गतिविधियों का भी आनंद लिया जा सकता है, खासकर मानसून में ट्रेकिंग के लिए।
संगमेश्वर मंदिर
संगमेश्वर के प्रमुख स्थलों में संगमेश्वर मंदिर है, जो भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर पहाड़ी की चोटी पर स्थित है, जहाँ से खूबसूरत नजारे देखने को मिलते हैं। कर्णेश्वर मंदिर भी यहाँ का एक और आकर्षण है, जो भगवान शिव को समर्पित है।
मार्लेश्वर वॉटरफॉल
मार्लेश्वर वॉटरफॉल संगमेश्वर के पहाड़ों में स्थित एक प्रसिद्ध जलप्रपात है। मानसून के दौरान यहाँ पर्यटकों की संख्या बढ़ जाती है। यह वॉटरफॉल प्रकृति प्रेमियों के लिए एक आकर्षण का केंद्र है। यहाँ की हरियाली पर्यटकों को आकर्षित करती है। साथ ही, छत्रपति संभाजी महाराज की समाधि को भी देखना न भूलें।