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सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर एकता मार्च का आयोजन

जालंधर में माई भारत युवा संगठन ने लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर एकता मार्च का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में राज्यसभा सांसद नरेश बांसल ने भाग लिया और बच्चों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दीं। मार्च का उद्देश्य देशवासियों में एकता की भावना को पुनर्जीवित करना था। जानें इस कार्यक्रम की और खास बातें।
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सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर एकता मार्च का आयोजन

एकता मार्च का आयोजन

जालंधर - माई भारत युवा संगठन ने लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर 'सरदार@150' एकता मार्च का आयोजन किया। यह मार्च एपीजे कॉलेज से शुरू होकर बीएमसी चौक होते हुए कंपनी बाग चौक (श्री राम चौंक) पर समाप्त हुआ। इस कार्यक्रम में राज्यसभा सांसद नरेश बांसल (उत्तराखंड) विशेष रूप से उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शुरुआत में स्कूली बच्चों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दीं और विभिन्न स्कूलों के छात्र तिरंगे झंडे लेकर शामिल हुए।


इस अवसर पर स्थानीय नागरिकों ने भी मार्च में भाग लिया। बच्चों ने 'भारत माता की जय' के नारे लगाते हुए देशभक्ति का माहौल बनाया। नरेश बांसल ने हरी झंडी दिखाकर इस पैदल मार्च को रवाना किया और इसका नेतृत्व किया। उन्होंने सरदार वल्लभभाई पटेल की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह कृतज्ञ राष्ट्र उस लौह पुरुष को याद कर रहा है, जिन्होंने मजबूत राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।


बांसल ने कहा कि लौह पुरुष की दूरदृष्टि और दृढ़ निश्चय ने एकीकृत आज़ाद भारत की नींव रखी। उनके नेतृत्व में 560 से अधिक रियासतों का एकीकरण हुआ, जिसने आज के अखंड और संप्रभु राष्ट्र का निर्माण किया। उन्होंने यह भी कहा कि आज के समय में हमें सरदार पटेल की जीवनी से प्रेरणा लेने की आवश्यकता है, जिसमें उनकी अद्वितीय कूटनीति और साहस शामिल हैं।


उन्होंने आगे कहा कि राष्ट्रीय एकता दिवस हमें याद दिलाता है कि भारत की असली पहचान उसकी विविधता में निहित है। भाषा, संस्कृति, धर्म और परिधान भिन्न हो सकते हैं, लेकिन हम सभी एकजुट हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2014 में मोदी सरकार ने सरदार पटेल की जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी, जिसका उद्देश्य देशवासियों में एकता की भावना को पुनर्जीवित करना था।


इस अवसर पर जालंधर भाजपा के कई नेता और सैकड़ों लोग उपस्थित थे, जिन्होंने इस कार्यक्रम को सफल बनाने में योगदान दिया।