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सावन के पहले शनिवार का महत्व और दान की विधियाँ

सावन का पहला शनिवार 12 जुलाई 2025 को है, जो भगवान भोलेनाथ और शनिदेव की पूजा का विशेष दिन है। इस दिन काले तिल, सरसों का तेल, शमी की पत्तियां, अपराजिता के फूल और उड़द दाल का दान करने से जीवन में चल रही समस्याओं का समाधान हो सकता है। जानें इन दानों का महत्व और कैसे ये आपके कार्यों में सफलता दिला सकते हैं।
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सावन के पहले शनिवार का महत्व और दान की विधियाँ

सावन शनि वार 2025

सावन का पहला शनिवार 12 जुलाई 2025 को है। इस महीने में आने वाले शनिवार का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान भोलेनाथ के साथ शनिदेव का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। आइए जानते हैं कि सावन में किन चीजों का दान करने से आपकी समस्याओं का समाधान हो सकता है। 


 


शनि देव को शिव जी का भक्त माना जाता है। इसलिए सावन के महीने में शनिवार को शनिदेव की पूजा के साथ भोलेनाथ की पूजा करने से विशेष आशीर्वाद मिलता है। सावन में निम्नलिखित चीजों का दान करने से आपके सभी कार्य सफल हो सकते हैं। 


 


काले तिल का दान- सावन शनिवार को काले तिल का दान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन काले तिल को शिवलिंग पर अर्पित करने से शनिदेव और भोलेनाथ की कृपा प्राप्त होती है।


 


सरसों का तेल- सावन में भोलेनाथ की पूजा से शुभ फल की प्राप्ति होती है। इस महीने के शनिवार को शनिदेव के चरणों में सरसों का तेल अर्पित करने से दोनों देवता प्रसन्न होते हैं और समस्याओं का समाधान होता है। 


 


शमी की पत्तियां- शमी का पौधा भगवान शिव और शनिदेव दोनों को प्रिय है। इसे अर्पित करने से दोनों देवता जल्दी प्रसन्न होते हैं। 


 


अपराजिता का फूल- सावन के शनिवार को अपराजिता के फूल अर्पित करने से सभी रुके हुए कार्य पूर्ण होते हैं।



उड़द दाल- शिवलिंग पर उड़द की दाल अर्पित करना शुभ माना जाता है। इससे शनि दोष से मुक्ति मिलती है और भोलेनाथ का आशीर्वाद भी बना रहता है। शाम को शनिदेव के सामने दीपक जलाकर उड़द दाल अर्पित करें।