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सावन शिव जल मुहूर्त: 14 जुलाई 2025 का शुभ समय

सावन शिव जल मुहर्त 14 जुलाई 2025 को मनाया जाएगा, जो भगवान शिव की भक्ति का एक महत्वपूर्ण पर्व है। इस दिन भक्त सुबह से ही मंदिरों में जल चढ़ाने के लिए उत्सुक रहते हैं। जानें इस दिन जल चढ़ाने का शुभ समय और विधि, जिससे आप भोलेनाथ की कृपा प्राप्त कर सकें। सावन का यह दिन आपके लिए आध्यात्मिक ऊर्जा से भरपूर रहेगा।
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सावन शिव जल मुहूर्त: 14 जुलाई 2025 का शुभ समय

सावन शिव जल मुहूर्त 14 जुलाई 2025: भक्ति का महापर्व

सावन शिव जल मुहूर्त 14 जुलाई 2025: पहले सोमवार का महत्व: सावन का पहला सोमवार भगवान शिव की भक्ति का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो 14 जुलाई 2025 को मनाया जाएगा। इस दिन भक्त सुबह से ही मंदिरों में जल चढ़ाने के लिए उत्सुक रहते हैं। यह पवित्र दिन आपके लिए ढेर सारी शुभता और आशीर्वाद लेकर आएगा।


यदि आप सावन शिव जल मुहूर्त के दौरान जल चढ़ाते हैं, तो भोलेनाथ की कृपा दोगुनी हो जाती है। गंगाजल, दूध और साफ पानी से अभिषेक करने का सही समय और विधि जानकर आप अपनी भक्ति को और गहरा कर सकते हैं। आइए, इस विशेष दिन के शुभ मुहूर्त और नियमों की जानकारी प्राप्त करें और इसे अपने दोस्तों और परिवार के साथ साझा करें!


सावन शिव जल मुहर्त: शुभ समय

सावन शिव जल मुहूर्त के अनुसार, 14 जुलाई को जल चढ़ाने के लिए चार शुभ समय निर्धारित किए गए हैं। ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:42 से 5:26 बजे तक है, जो भक्ति के लिए सबसे पवित्र समय माना जाता है। अभिजीत मुहर्त दोपहर 12:18 से 4:11 बजे तक रहेगा।


गोधूलि मुहर्त शाम 7:18 से 7:40 बजे तक है। यदि आप रात में जल चढ़ाना चाहते हैं, तो अमृत काल रात 11:21 से 15 जुलाई की रात 12:55 बजे तक रहेगा। इन मुहूर्तों में जल चढ़ाने से भोलेनाथ की कृपा प्राप्त होती है।


जल चढ़ाने की विधि

जल चढ़ाने का सही तरीका


सावन शिव जल मुहर्त में जल चढ़ाने का तरीका भी महत्वपूर्ण है। हमेशा तांबे के साफ लोटे में गंगाजल या ताजा पानी लें। उसमें अक्षत, चंदन, और फूल डालकर शिवलिंग पर अर्पित करें। मंदिर में पूर्व दिशा या ईशान कोण की ओर मुंह करके खड़े हों।


जल चढ़ाते समय थोड़ा झुकें, ताकि शिवलिंग से गिरने वाला जल आपके पैरों को न छुए। पैरों पर जल गिरना अशुभ माना जाता है। सावन की भक्ति में ये नियम आपके लिए विशेष फलदायी होंगे।


भक्ति का उत्साह और भीड़

भक्ति का जुनून और भीड़


सावन का पहला सोमवार मंदिरों में भक्तों की भीड़ से भरा रहता है। इस दिन भक्त गंगाजल, दूध, और साफ पानी लेकर मंदिरों की ओर दौड़ते हैं। शिवलिंग पर जल चढ़ाने की होड़ में मंदिरों में उत्सव जैसा माहौल रहता है। भक्त अपने दुख-दर्द भूलकर भोलेनाथ की भक्ति में लीन हो जाते हैं।


इस दिन मंत्रों का जाप और भक्ति भजनों की गूंज मंदिरों को और पवित्र बना देती है। सावन का यह दिन आपके लिए आध्यात्मिक ऊर्जा से भरपूर रहेगा।


सावन का सोमवार: विशेष महत्व

क्यों खास है सावन का सोमवार?


सावन का हर सोमवार भगवान शिव को समर्पित होता है। सावन शिव जल मुहर्त में जल चढ़ाने से भोलेनाथ की कृपा से जीवन की बाधाएं दूर होती हैं। मान्यता है कि इस दिन सच्चे मन से जल अर्पित करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं।


मंदिरों में भक्तों का उत्साह देखते ही बनता है। गंगाजल और दूध से अभिषेक करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और मन को शांति मिलती है। सावन के इस पहले सोमवार को भक्ति में डूबें और भोलेनाथ का आशीर्वाद प्राप्त करें।