सूर्य देव की पूजा: जानें कैसे करें आराधना और प्राप्त करें आशीर्वाद

सूर्य देव की कृपा से जीवन में सुख और समृद्धि
रविवार के दिन सूर्य देव की पूजा और जल अर्पित करने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है। जब सूर्य देव की कृपा होती है, तो व्यक्ति को सुख और समृद्धि का अनुभव होता है। कुंडली में सूर्य का मजबूत होना जीवन में सुख, धन और यश की प्राप्ति का संकेत है।
पूजा विधि
- सूर्योदय से पूर्व स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।
- एक तांबे के लोटे में जल लें और उसमें रोली, लाल फूल, और अक्षत मिलाएं।
- पूर्व दिशा की ओर मुंह करके लोटे से सूर्य देव को जल अर्पित करें।
- जल चढ़ाते समय 'ॐ घृणि सूर्याय नम:' या 'ॐ सूर्याय नम:' का जाप करें।
- जल की धारा की ओर देखते हुए भगवान भास्कर का ध्यान करें।
- पूजा के बाद दीपक जलाकर सूर्य देव की आरती करें।
- हाथ जोड़कर अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करें।
- सूर्य देव की पूजा में तांबे की थाली और लोटे का उपयोग शुभ माना जाता है।
जल अर्पित करने की विधि
जल अर्पित करते समय लोटे की जलधारा पर ध्यान केंद्रित करें। जल इस प्रकार अर्पित करें कि सूर्य का प्रतिबिंब एक बिंदु के रूप में दिखाई दे। इसके बाद हाथ जोड़कर सूर्य देव को प्रणाम करें।
अन्य नियम
- रविवार को नमक, तेल, मांस और मदिरा का सेवन न करें।
- पूजा के बाद, जो जल जमीन पर गिरता है, उसे अपने मस्तक पर लगाना शुभ माना जाता है।
सूर्य देव की आरती
ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान।
जगत् के नेत्रस्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा।
धरत हैं सबही तव ध्यान, ॐ जय सूर्य भगवान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।
ऊषाकाल में जब तुम, उदयाचल आते। सब तब दर्शन पाते।।
फैलावे उजियारा तब जागे जग सारा। करे सब तब गुणगान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।
संध्या में अस्ताचल जाते। गोधन तब घर आते।।
गोधूलि बेला में, हो तव महिमा गान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।
देव-दनुज नर-नारी, ऋषि-मुनिवर भजते। आदित्य हृदय जपते।।
स्तोत्र ये मंगलकारी, इसकी है रचना न्यारी। देवे नव जीवन।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।
तुम हो त्रिकाल रचयिता, महिमा तब अपरम्पार।।
प्राणों का सिंचन देते बल, बुद्धि और ज्ञान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।