सौभाग्य सुंदरी तीज: पति की लंबी उम्र और सौंदर्य में वृद्धि का व्रत
सौभाग्य सुंदरी तीज का महत्व
नई दिल्ली: मार्गशीर्ष माह की कृष्ण पक्ष तृतीया तिथि को मनाया जाने वाला सौभाग्य सुंदरी तीज व्रत विशेष रूप से भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना के लिए समर्पित है। यह व्रत महिलाएं अपने पति की दीर्घायु, सुखद जीवन, सौंदर्य और समृद्धि की कामना के लिए करती हैं। सौभाग्य सुंदरी तीज व्रत न केवल वैवाहिक जीवन में सुख और शांति लाता है, बल्कि इसे करने से महिलाएं अखंड सौभाग्य भी प्राप्त करती हैं। यह व्रत उन महिलाओं के लिए अत्यंत लाभकारी माना जाता है, जो इसे श्रद्धा और निष्ठा से करती हैं।
पति की दीर्घायु और वैवाहिक सुख की कामना
सौभाग्य सुंदरी तीज के दिन विशेष रूप से पति की लंबी उम्र और वैवाहिक जीवन में खुशहाली की कामना की जाती है। इस व्रत के माध्यम से महिलाएं अपने पति का प्रेम और स्नेह प्राप्त करती हैं, साथ ही उनके जीवन में प्रेम, सौंदर्य और समृद्धि की वृद्धि होती है।
अखंड सौभाग्य की प्राप्ति
इस व्रत के दौरान माता पार्वती की पूजा करने से महिलाओं को अखंड सौभाग्य का वरदान मिलता है। यह व्रत महिलाओं के जीवन में कभी भी वैवाहिक दुख को प्रवेश नहीं करने देता। जिन्होंने इस व्रत को किया है, उनका जीवन हमेशा खुशहाल और सुखमय रहता है।
रूप और सौंदर्य में वृद्धि
सौभाग्य सुंदरी तीज व्रत से महिलाओं का रूप, कांति, आकर्षण और सौंदर्य में वृद्धि होती है। यह व्रत न केवल आंतरिक, बल्कि बाह्य सुंदरता को भी बढ़ाता है, जिससे महिलाएं और अधिक आकर्षक और सुंदर नजर आती हैं।
विवाह में बाधाओं का निवारण
यह व्रत केवल विवाहित महिलाओं के लिए नहीं, बल्कि कुंवारी कन्याओं के लिए भी अत्यंत लाभकारी है। सौभाग्य सुंदरी तीज से उन कन्याओं की शादी में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं और शीघ्र विवाह के अवसर बनते हैं। यह व्रत कुंवारी कन्याओं के लिए एक वरदान की तरह कार्य करता है।
मांगलिक दोष का निवारण
ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास के अनुसार, सौभाग्य सुंदरी तीज व्रत से कुंडली के मांगलिक दोष को भी कम किया जा सकता है। यह व्रत उन महिलाओं के लिए खासतौर पर लाभकारी है, जिनकी कुंडली में मांगलिक दोष मौजूद है। इस व्रत से न केवल दोष दूर होते हैं, बल्कि जीवन में सुख-शांति और समृद्धि का भी वास होता है।
