हरछठ माता की आरती: विशेष पूजा का महत्व और विधि

हरछठ का पर्व और माता की आरती
हरछठ माता की आरती: हिंदू धर्म में हरछठ का पर्व अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह पर्व भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है, और इस वर्ष यह विशेष दिन 14 अगस्त 2025 को आएगा। हरछठ के अवसर पर माताएं अपने बच्चों की लंबी उम्र, सुख और समृद्धि के लिए व्रत करती हैं और माता षष्ठी की पूजा करती हैं। यह व्रत न केवल माता-पिता के लिए, बल्कि पूरे परिवार के लिए खुशहाली लाता है। यदि आप भी इस साल हरछठ की पूजा करने की योजना बना रही हैं, तो माता की आरती अवश्य पढ़ें। यह आरती आपके व्रत को और भी शुभ बनाएगी। नीचे हमने हरछठ माता की संपूर्ण आरती प्रस्तुत की है, जिसे आप आसानी से पढ़ सकते हैं।
हरछठ माता की आरती: हल छठ माता की आरती
जय षष्ठी माते, जय हलषष्ठी माते।
नीराजनममरैर्कृतमाधात्रे जाते॥ जय हल…
करुणामयि गुणशीले, तिथिशीलेऽभयदे।
वचसातीतमहिम्ने, वात्सल्येऽऽनन्दे॥ जय हल…
कंसभगिन्या पूज्ये, चन्द्रललितसुतदे।
वंशकरे प्रभुरिवगुणयुक्तवत्सकप्रदे॥ जय हल…
वैदर्भ्याऽपि सुपूज्ये, नष्टपुत्रदात्रे।
श्रीखण्डप्रसवाङ्गे, वरुणामोदकरे॥ जय हल…
क्रीडनकेन भवाब्धे, पूज्ये सौख्यवरे।
अम्बुयुक्तचीरैरजिरेऽजरवज्रकरे॥ जय हल…
महिषीदुग्धप्रभाऽऽर्चे, वरदे धर्मधरे।
कृष्णाग्रजगुणयुक्ते, शुभ्रे कृष्णप्रिये॥ जय हल…
वरुणेनादियुगेऽस्मिन्, हरिश्चद्रकुलदे।
स्वानन्दे प्रामीत्योऋणत्रिशङ्कुजनने॥ जय हल…
गायन्तीति मनुष्याः, तीरे चाम्बुवरे।
काले दोषविमुक्ता, वरुणानन्दमये॥ जय हल…
इस आरती का गान करने से माता षष्ठी की कृपा प्राप्त होती है और संतान की रक्षा होती है। हरछठ के दिन इस आरती को पूजा के समय अवश्य शामिल करें। यह आपके व्रत को पूर्णता प्रदान करेगी और माता का आशीर्वाद दिलाएगी।