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हरतालिका तीज 2025: पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

हरतालिका तीज 2025 का पर्व आज श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है। इस दिन महिलाएं भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं। जानें इस पर्व का महत्व, पूजा विधि और चार प्रहरों के शुभ मुहूर्त। इस लेख में हरतालिका तीज के विशेष अनुष्ठानों और आरती का विवरण भी शामिल है।
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हरतालिका तीज 2025: पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

हरतालिका तीज का महत्व

हरतालिका तीज 2025: आज देशभर में हरतालिका तीज का पर्व श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है। इसे तीजा भी कहा जाता है। यह व्रत भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को रखा जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तप किया था, जिससे भगवान शिव ने उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकार किया। इस दिन सुहागिन महिलाएं निर्जला उपवास रखकर शिव-पार्वती की पूजा करती हैं और अपने पतियों की लंबी उम्र की कामना करती हैं।


मां पार्वती की आरती

हरतालिका तीज पर आरती:

जय पार्वती माता, जय पार्वती माता.
ब्रह्म सनातन देवी, शुभ फल की दाता..
जय पार्वती माता...
अरिकुल पद्मा विनासनी जय सेवक त्राता.
जग जीवन जगदम्बा हरिहर गुण गाता.
जय पार्वती माता...
सिंह को वाहन साजे कुंडल है साथा.
देव वधु जहं गावत नृत्य कर ताथा..
जय पार्वती माता...
सतयुग शील सुसुन्दर नाम सती कहलाता.
हेमांचल घर जन्मी सखियन रंगराता..
जय पार्वती माता...
शुम्भ-निशुम्भ विदारे हेमांचल स्याता.
सहस भुजा तनु धरिके चक्र लियो हाथा..
जय पार्वती माता...
सृष्टि रूप तुही जननी शिव संग रंगराता.
नंदी भृंगी बीन लाही सारा मदमाता.
जय पार्वती माता...
देवन अरज करत हम चित को लाता.
गावत दे दे ताली मन में रंगराता..
जय पार्वती माता...
श्री प्रताप आरती मैया की जो कोई गाता.
सदा सुखी रहता सुख संपति पाता..
जय पार्वती माता...।


हरतालिका तीज 2025 पूजा विधि

चार प्रहर पूजा:

पहला प्रहर मुहूर्त – शाम 6.00 – रात 9.00

पूजा विधि – शिवलिंग को शुद्ध जल और दूध अर्पित करें।
मंत्र – 'ह्रीं ईशानाय नमः।' का जप करते हुए अभिषेक करें।
भोग – खीर का भोग लगाएं।
महत्व – पहले प्रहर की पूजा से स्वास्थ्य और दीर्घायु की प्राप्ति होती है।

दूसरा प्रहर मुहूर्त – रात 9.00 – रात 12.00

विधि – दही से शिवलिंग का अभिषेक करें।
मंत्र – 'ह्रीं अघोराय नमः।' का जप करें।
महत्व – इससे धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
भोग – हलवा का भोग लगाएं।

तीसरा प्रहर मुहूर्त- रात 12.00 – देर रात 3.00

विधि- घी से शिवलिंग का अभिषेक करें।
मंत्र – 'ह्रीं वामदेवाय नमः।' का जप करें।
महत्व – इसे संतान प्राप्ति के लिए करें।
भोग – मालपुए का भोग लगाएं।

चौथा प्रहर मुहूर्त – देर रात 3.00 – सुबह 6.00 बजे तक

विधि – शिवलिंग पर शहद की धारा बनाकर अभिषेक करें।
मंत्र – 'ह्रीं सद्योजाताय नमः।' का जप करें।
महत्व – इस विधि से पूजा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
भोग – मौसमी फल का भोग लगाएं।


हरतालिका तीज 2025 चौघड़ियां मुहूर्त

चर मुहूर्त- सुबह 09:09 बजे से 10:46 बजे तक
लाभ मुहूर्त- सुबह 10:46 बजे से 12:23 बजे तक
अमृत मुहूर्त- दोपहर 12:23 बजे से 01:59 बजे तक
शुभ मुहूर्त- शाम 03:36 बजे से 05:13 बजे तक
चर मुहूर्त- मध्य रात्रि 01:46 बजे से 03:10 बजे तक 27 अगस्त