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हरियाणा ITI सीटों की स्थिति 2025: 18,548 सीटें खाली, प्रशिक्षण की गुणवत्ता पर सवाल

हरियाणा के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में 18,548 सीटें समाप्त हो गई हैं, क्योंकि पिछले पांच वर्षों में इनमें कोई दाखिला नहीं हुआ। प्रशिक्षकों और संसाधनों की कमी के कारण छात्रों ने ITI से दूरी बना ली है। कई संस्थानों में 25 साल पुराने ट्रैक्टरों पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जबकि कुछ में तो ट्रैक्टर ही नहीं हैं। अब कौशल विकास विभाग उद्योग की मांग के अनुसार पाठ्यक्रमों को अपडेट करने की योजना बना रहा है। क्या यह बदलाव छात्रों के लिए फायदेमंद साबित होगा? जानें पूरी कहानी में।
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हरियाणा ITI सीटों की स्थिति 2025: 18,548 सीटें खाली, प्रशिक्षण की गुणवत्ता पर सवाल

हरियाणा ITI सीटों की स्थिति 2025: सीटें खत्म, लेकिन दाखिले नहीं

हरियाणा ITI सीटें 2025: 18,548 सीटें खत्म, प्रशिक्षण की स्थिति खराब: हरियाणा के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (ITI) में 18,548 सीटें समाप्त हो गई हैं, क्योंकि पिछले पांच वर्षों में इनमें से एक भी दाखिला नहीं हुआ। इसका मुख्य कारण है - न तो प्रशिक्षक हैं, न उपकरण, न मशीनें, और न ही नई तकनीक! कुछ ITI में तो 25 साल पुराने ट्रैक्टरों पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह स्थिति तब है जब हरियाणा एक कृषि प्रधान राज्य है। आइए जानते हैं कि ITI की यह स्थिति क्यों बनी और अब क्या बदलाव हो रहे हैं!


हरियाणा ITI सीटें: वृद्धि के बावजूद दाखिले शून्य

लगभग आठ साल पहले हरियाणा की ITI में बिना किसी योजना के सीटों की संख्या बढ़ा दी गई थी। लेकिन न प्रशिक्षक थे, न उपकरण, और न ही मशीनें। नतीजतन, 18,548 सीटों पर लगातार पांच साल तक कोई भी छात्र दाखिला नहीं ले सका। दो साल पहले इन सीटों को समाप्त कर दिया गया। विभाग ने ITI प्रिंसिपलों से आपत्ति मांगी, लेकिन किसी ने भी आवाज नहीं उठाई। इसका कारण स्पष्ट है—पुरानी तकनीक और संसाधनों की कमी ने छात्रों को ITI से दूर कर दिया।


पुरानी मशीनें और बंद कंपनियां

हरियाणा जैसे कृषि प्रधान राज्य में IT प्रशिक्षण की स्थिति सुनकर आप चौंक जाएंगे। कई ITI में ट्रैक्टर मैकेनिक ट्रेड में 25 साल पुराने HMT ट्रैक्टरों पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिनकी कंपनी बंद हो चुकी है! कलायत जैसे ग्रामीण क्षेत्रों की ITI में तो ट्रैक्टर ही नहीं हैं, फिर भी प्रशिक्षण का ढोंग जारी है। यह स्थिति तब है जब आठ साल पहले इन ट्रेडों को एफिलिएशन मिली थी। छात्रों का कहना है कि पुरानी तकनीक के कारण वे ITI में दाखिला लेने से कतराते हैं।


गड़बड़ी का मामला: फर्जी एफिलिएशन

2018 में ITI में ट्रेड और यूनिट्स बढ़ाने की जिम्मेदारी प्रिंसिपलों को दी गई थी। उन्हें अन्य ITI का निरीक्षण करना था, लेकिन कई प्रिंसिपलों ने बिना प्रशिक्षकों, उपकरणों या मशीनों की जांच किए फाइलों पर हस्ताक्षर कर दिए। नतीजा? डीजीटी भारत सरकार ने ऐसी ITI को एफिलिएशन दे दिया, जहां संसाधन ही नहीं थे। इस लापरवाही ने हजारों सीटें बर्बाद कर दीं। अब विभाग ने इन सीटों को डी-एफिलिएट कर दिया है, ताकि गलतियों को सुधारा जा सके।


अब उद्योग की मांग पर ध्यान

कौशल विकास विभाग के अतिरिक्त निदेशक राजकुमार ने बताया कि अब ITI में उद्योग की आवश्यकताओं के अनुसार ट्रेड्स पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। पिछले तीन वर्षों से हरियाणा की ITI में 90% से अधिक दाखिले हो रहे हैं। जिन ट्रेड्स में दाखिले नहीं हुए, उन्हें हटा दिया गया है। अब नई तकनीक और उद्योग की मांग के अनुसार पाठ्यक्रमों को अपडेट किया जाएगा। यह कदम हरियाणा ITI सीटें 2025 को और प्रभावी बनाने की दिशा में है। छात्रों के लिए यह राहत की खबर है, लेकिन सवाल यह है कि क्या अब संसाधन पूरे होंगे?