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हरियाणा में ड्रोन दीदी योजना: कृषि में तकनीकी क्रांति का आगाज

हरियाणा में ड्रोन दीदी योजना के तहत 5000 महिलाओं को ड्रोन उड़ाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे कृषि में तकनीकी बदलाव आएगा। यह पहल न केवल खेती को आधुनिक बनाएगी, बल्कि ग्रामीण महिलाओं को भी सशक्त करेगी। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस परियोजना को मंजूरी दी है, जो किसानों को फसल हानि से बचाने में मदद करेगी। ड्रोन का उपयोग विभिन्न कार्यों में किया जाएगा, जिससे हरियाणा के विकास में नई राहें खुलेंगी।
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हरियाणा में ड्रोन दीदी योजना: कृषि में तकनीकी क्रांति का आगाज

ड्रोन दीदी योजना का परिचय

ड्रोन दीदी योजना: हरियाणा में कृषि में तकनीकी बदलाव: हरियाणा के किसानों के लिए एक नई शुरुआत हो रही है, जिसमें फसलों की बीमारियों की पहचान और निगरानी के लिए ड्रोन तकनीक का उपयोग किया जाएगा। राज्य सरकार ने आलू, चना, कपास, धान और सब्जियों की फसलों के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने का निर्णय लिया है, जिसके अंतर्गत ड्रोन फसलों के स्वास्थ्य की जांच करेंगे और समय पर बीमारियों का पता लगाएंगे।


महिलाओं को मिलेगा ड्रोन उड़ाने का प्रशिक्षण

ड्रोन दीदी योजना के तहत 5000 महिलाओं को ड्रोन उड़ाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे न केवल खेती में आधुनिकता आएगी, बल्कि ग्रामीण महिलाओं को भी सशक्त बनाया जाएगा। यह पहल हरियाणा को कृषि और तकनीक के क्षेत्र में एक अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।ड्रोन दीदी योजना


मुख्यमंत्री की पहल

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने हाल ही में ड्रोन इमेजिंग एंड इंफॉर्मेशन सर्विसेज ऑफ हरियाणा लिमिटेड (दृश्या) के अधिकारियों के साथ बैठक में इस परियोजना को मंजूरी दी। उन्होंने बताया कि ड्रोन तकनीक किसानों को फसल हानि से बचाने में मदद करेगी, क्योंकि यह समय पर बीमारियों की जानकारी प्रदान करेगा।


ड्रोन का विविध उपयोग

इसके अलावा, ड्रोन का उपयोग प्राकृतिक खेती में जीवामृत के छिड़काव, एचटी पावर लाइन निरीक्षण, अवैध खनन की निगरानी, आपदा प्रबंधन, और यातायात निगरानी जैसे कार्यों में भी किया जा रहा है। दृश्या के सीईओ फूल कुमार ने बताया कि अब तक 6100 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र की लार्ज स्केल मैपिंग और 680 किलोमीटर एचटी पावर लाइन का निरीक्षण सफलतापूर्वक किया जा चुका है।


भविष्य की योजनाएं

ड्रोन दीदी योजना के तहत अगली तिमाही में 500 महिलाओं को प्रशिक्षण देने की योजना है, जबकि अब तक 135 किसानों और करनाल में 243 युवाओं को यूएवी (मानव रहित हवाई वाहन) उड़ाने का प्रशिक्षण दिया जा चुका है। यह तकनीक न केवल कृषि, बल्कि राजस्व विभाग, शहरी स्थानीय निकाय, बिजली, खनन, और वन विभाग जैसे क्षेत्रों में भी क्रांति ला रही है।


ड्रोन से विकास की नई राहें

ड्रोन से भूमि रिकॉर्ड, आपातकालीन सेवाएं, और विकास योजनाओं की मैपिंग में भी सहायता मिल रही है। यह पहल हरियाणा के किसानों और नागरिकों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आई है, जो तकनीक और परंपरा के बीच संतुलन बनाते हुए उज्ज्वल भविष्य की ओर बढ़ रही है।