हरियाली तीज 2025: जानें व्रत के महत्वपूर्ण नियम
हरियाली तीज 2025 का पर्व महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है, जो मां पार्वती और भगवान शिव के मिलन का प्रतीक है। विवाहित महिलाएं इस दिन अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं, जबकि कुंवारी लड़कियां अपने मनचाहे पति के लिए। इस लेख में हरियाली तीज के व्रत के महत्वपूर्ण नियमों के बारे में जानकारी दी गई है, जैसे कि निर्जला व्रत, पूजा विधि, और अन्य आवश्यक बातें। जानें कैसे इस पर्व को सही तरीके से मनाया जाए।
Jul 24, 2025, 17:34 IST
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हरियाली तीज का महत्व
हरियाली तीज 2025 व्रत नियम: हरियाली तीज का पर्व महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है। यह दिन मां पार्वती और भगवान शिव के मिलन का प्रतीक है। विवाहित महिलाएं इस दिन अपने पति की लंबी उम्र और सुखद वैवाहिक जीवन के लिए व्रत करती हैं। अब कुंवारी लड़कियां भी अपने मनचाहे पति के लिए इस व्रत को रखती हैं। द्रिक पंचांग के अनुसार, हर साल सावन माह में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज का व्रत मनाया जाता है। वर्ष 2025 में यह व्रत 26 जुलाई को रात 10:41 बजे से शुरू होकर 27 जुलाई को रात 10:41 बजे तक रहेगा। इस प्रकार, उदयातिथि के अनुसार, 27 जुलाई 2025, रविवार को हरियाली तीज का व्रत किया जाएगा।
हरियाली तीज व्रत के नियम
हरियाली तीज व्रत के नियम
- हरियाली तीज का व्रत निर्जला होता है, अर्थात पूरे दिन अन्न और जल का सेवन नहीं करना चाहिए।
- तीज के दिन शिव जी और देवी पार्वती की पूजा से पहले गणेश जी की पूजा करना आवश्यक है।
- इस दिन देवी-देवताओं की पूजा के साथ माता पार्वती को सोलह श्रृंगार का सामान अर्पित करना जरूरी है। इसके बिना व्रत पूरा नहीं माना जाता।
- जो महिलाएं हरियाली तीज का व्रत रखती हैं, उन्हें दिन में सोने से बचना चाहिए।
- व्रती को काले रंग की वस्त्र पहनने से बचना चाहिए।
- विवाहित महिलाओं को हरे रंग की साड़ी पहनकर सोलह श्रृंगार करना चाहिए, जबकि अविवाहित कन्याओं को सलवार सूट पहनना चाहिए और मेहंदी, बिंदी और आभूषण धारण करना चाहिए।
- यदि व्रत का संकल्प लिया है, तो उसे बीच में नहीं तोड़ना चाहिए। यदि व्रत टूट जाए, तो माफी मांगकर व्रत को पूरा करें।
- जब तक व्रत का पारण न हो जाए, तब तक ब्रह्मचर्य का पालन करें।
- व्रत के दौरान शारीरिक और मानसिक शुद्धता आवश्यक है, इसलिए नकारात्मकता से दूर रहें।
- व्रत के दिन इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का कम से कम उपयोग करें और ध्यान लगाएं।
- व्रत वाले दिन नाखून और बाल काटना अशुभ माना जाता है।
- विवाहित और अविवाहित महिलाओं को खुले बालों में पूजा नहीं करनी चाहिए; उन्हें बाल बांधकर और सिर ढककर पूजा करनी चाहिए।