Newzfatafatlogo

भारत का चाय निर्यात 2024 में 255 मिलियन किलोग्राम तक पहुंचने की उम्मीद

भारतीय चाय बोर्ड के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, भारत का चाय निर्यात 2024 में 255 मिलियन किलोग्राम तक पहुंचने की उम्मीद है, जिससे यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा चाय निर्यातक बन जाएगा। इस लेख में, हम चाय निर्यात में हुई वृद्धि, प्रमुख बाजारों और छोटे चाय उत्पादकों के योगदान पर चर्चा करेंगे। जानें कि कैसे भारत ने वैश्विक चाय बाजार में अपनी स्थिति मजबूत की है और चाय उद्योग के विकास के लिए उठाए गए कदमों के बारे में।
 | 

भारत का चाय निर्यात: एक नई ऊंचाई

भारत का चाय निर्यात 2024 में 255 मिलियन किलोग्राम तक पहुंचने की उम्मीद

हालिया आंकड़ों के अनुसार, भारतीय चाय बोर्ड ने बताया है कि भारत का चाय निर्यात 2024 में 255 मिलियन किलोग्राम तक पहुंचने की संभावना है। इस तरह, भारत ने श्रीलंका को पीछे छोड़ते हुए दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा चाय निर्यातक बनने का गौरव प्राप्त किया है। पहले स्थान पर केन्या बना हुआ है। वैश्विक बाजार में अनिश्चितताओं और भू-राजनीतिक तनावों के बावजूद, भारत का चाय निर्यात 2024 में पिछले 10 वर्षों के उच्चतम स्तर पर पहुंचने की उम्मीद है। यह 2023 में 231.69 मिलियन किलोग्राम से 10% की वृद्धि दर्शाता है।

2023 में 6,161 करोड़ रुपए का निर्यात 15% बढ़कर 2024 में 7,111 करोड़ रुपए तक पहुंच गया। इराक को भेजे जाने वाले चाय के शिपमेंट में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो कुल निर्यात का 20 प्रतिशत है। इसके अलावा, व्यापारियों को इस वित्त वर्ष में पश्चिम एशियाई देशों को 40-50 मिलियन किलोग्राम चाय भेजने की उम्मीद है। श्रीलंका की फसल में कमी के कारण भारतीय निर्यातकों ने पश्चिम एशिया के कई बाजारों में प्रवेश किया और वहां शिपमेंट की मात्रा को बनाए रखने में सफल रहे।

भारत की चाय: असम, दार्जिलिंग और नीलगिरी

भारत चाय का निर्यात 25 से अधिक देशों में करता है, जिनमें यूएई, इराक, ईरान, रूस, अमेरिका और यूके प्रमुख हैं। भारत विश्व चाय निर्यात का लगभग 10% हिस्सा रखता है और यह शीर्ष पांच देशों में से एक है। असम, दार्जिलिंग और नीलगिरी की चाय को विश्व में सबसे बेहतरीन माना जाता है। भारत से निर्यात की जाने वाली चाय का लगभग 96% हिस्सा काली चाय है।

भारत में नियमित चाय, हर्बल चाय, ग्रीन टी, मसाला चाय और लेमन टी का भी उत्पादन होता है। चाय उत्पादन को बढ़ावा देने और चाय उद्योग से जुड़े परिवारों की सुरक्षा के लिए भारत ने कई कदम उठाए हैं। असम घाटी और कछार में चाय का उत्पादन होता है, जबकि पश्चिम बंगाल में दोआर्स, तराई और दार्जिलिंग जैसे प्रमुख क्षेत्र हैं। तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक भारत के सबसे बड़े चाय उत्पादक राज्य हैं, जो देश के कुल उत्पादन का लगभग 17% प्रदान करते हैं।

कुल उत्पादन में लगभग 52% योगदान "छोटे चाय उत्पादकों" का है। वर्तमान में, लगभग 2.30 लाख छोटे चाय उत्पादक सप्लाई चेन में शामिल हैं। भारत सरकार ने चाय बोर्ड के माध्यम से इस क्षेत्र को लाभ पहुंचाने के लिए कई प्रयास किए हैं, जिसमें 352 स्वयं सहायता समूह, 440 किसान उत्पादक संगठन और 17 किसान उत्पादक कंपनियां शामिल हैं। गुणवत्ता में सुधार, क्षमता निर्माण और फसल प्रबंधन में सहायता के लिए भी कदम उठाए गए हैं। इसके अलावा, प्रूनिंग मशीन और मैकेनिकल हार्वेस्टर खरीदने में भी मदद की गई है। मिनी चाय फैक्ट्रियों की स्थापना से उद्यमियों और बेरोजगार युवाओं को प्रेरित किया गया है। भारतीय चाय उद्योग में 1.16 मिलियन लोग प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से कार्यरत हैं।