100 किलो आटा, 25KG सत्तू... इस दुकान के लिट्टी-चोखा ने मचाई धूम, एक दिन 2000 पीस की बिक्री

सर्दियों में लिट्टी-चावल का स्वाद कुछ खास हो जाता है. ऐसे में अगर आपको शुद्ध देसी घी के साथ पांच तरह की चटनी मिल जाए तो मजा दोगुना हो जाता है. अगर आप इसका स्वाद चखना चाहते हैं तो आरा में धीरज की लिट्टी दुकान पर जा सकते हैं. यहां आपको एक प्लेट में दो लिट्टी, चावल, टमाटर की चटनी, सरसों और दही की चटनी के साथ हरी सलाद और तली हुई मिर्च मिलती है. इस दुकान में हर दिन दो हजार से ज्यादा लिट्टियां बिकती हैं. आरा में आग की लिट्टी का मतलब है धीरज की लिट्टी की दुकान, जो जैन स्कूल के ठीक सामने है.
धीरज गुप्ता उर्फ छोटू की भोजपुर जिले के डिटी रोड पर जैन स्कूल के सामने दुकान है. इस दुकान में 10 लोग भी काम करते हैं. धीरज गुप्ता ने बताया कि ग्राहकों को लिट्टी चावल काफी पसंद आ रहा है. हर दिन 2 हजार से ज्यादा लाइनें बिकती हैं। यहां आपको शुद्ध देसी घी वाली लिट्टी मिलती है. साथ ही लिट्टी चावल बनाने के लिए सबसे पहले आटा मिलाने को कहा. फिर इसमें सत्तू मिलाकर लिट्टी बनाई जाती है. इसके बाद इसे आग पर भूना जाता है. इसके साथ आलू और टमाटर की मिश्रित चटनी होती है। वहीं, इसमें सरसों और दही की मिक्स चटनी होती है. आग में भूनी हुई लाइन को घी में डुबोया जाता है और इन चटनी के साथ तली हुई मिर्च और सलाद के साथ ग्राहकों को परोसा जाता है।
20 रुपए में भर जाएगा आपका पेट
धीरज गुप्ता ने कहा कि अलग-अलग चटनी के साथ दो लिट्टी 20 रुपये प्रति प्लेट में उपलब्ध हैं। इससे हर दिन अच्छा मुनाफा होता है। दुकान दोपहर 1 बजे खुलती है और रात 10 बजे तक लिट्टी मिलती है. जबकि शनिवार को यहां काफी भीड़ रहती है. यह भी कहा कि प्रतिदिन एक क्विंटल आटा और करीब 25 किलो सत्तू की खपत होती है.