कोरोना में गई नौकरी तो साइकिल को बना दी दुकान...अब इनके लिट्टी-छोला और चटनी के दीवाने हैं लोग

कोरोना ने कई जिंदगियां लीं और कईयों को जीना सिखाया। इन्हीं में से एक नाम है राजा कुमार. वह किसी और की दुकान में काम करते थे और जब कोरोना काल में उनकी नौकरी छूट गई तो आर्थिक तंगी और पैसों की तंगी के कारण राजा कुमार ने अपनी साइकिल को ही स्टॉल बना लिया. वे इस पर लिट्टी छोला की दुकान चला रहे हैं. प्रतिदिन 300 से अधिक प्लेटें बेचता है। वह अपने काम से काफी संतुष्ट भी हैं. अपने स्टॉल पर वे लिट्टी छोले के साथ चटनी और सलाद परोसते हैं। जो इतना स्वादिष्ट होता है कि लोग इसे खड़े-खड़े ही चट कर जाते हैं.
लिट्टी-चना, धनिया, पुदीना, मिर्च चटनी, सलाद और पापड़ी
दरअसल, कटिहार के हफला निवासी राजा कुमार साह अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए एक दुकान में काम करते थे. लेकिन कोरोना काल में जब दुकान बंद हो गई और नौकरी छूट गई तो आर्थिक तंगी और घरेलू तंगी के कारण उन्होंने साइकिल पर ही लिट्टी छोले की दुकान खोल ली. आज वह कटिहार के फलपट्टी में लिट्टी छोला की दुकान चलाकर आत्मनिर्भर बन गये हैं. वे यह भी कह रहे हैं कि वे इस काम से संतुष्ट हैं.
साइकिल पर लिट्टी छोला की दुकान चलाने वाले राजा कुमार साह कहते हैं कि वे साइकिल में गैस सिलेंडर लगाकर हांडी में छोला तैयार करते हैं. 10 रुपये में एक लिट्टी और 20 रुपये में दो लिट्टी चना-धनिया, पुदीना, मिर्च की चटनी और सलाद पापड़ी के साथ लोगों को दी जाती है. जो ग्राहकों को काफी पसंद आ रहा है. आस-पास की दुकानों में काम करने वाले लोग और बाजार के अन्य क्षेत्रों से आने वाले लोग भी अक्सर लिट्टी छोला चटनी और सलाद का आनंद लेते हैं।
ग्राहक क्या कह रहे हैं?
उनकी दुकान पर लिट्टी छोला खाने आए ग्राहक कलीम खान और सोनू कुमार यादव कहते हैं कि वे अक्सर यहां आते हैं और लिट्टी छोला खाते हैं. ये सब बिल्कुल स्वादिष्ट लगता है. वही सोनू कुमार यादव कहते हैं कि उनके यहां का लिट्टी छोला का स्वाद बड़े-बड़े होटलों में भी नहीं मिलता है. इसलिए वह अक्सर यहां आते हैं और लिट्टी छोले और चटनी का आनंद लेते हैं। कुल मिलाकर, कटिहार के गफला निवासी राजा कुमार साह महज 10 रुपये और 20 रुपये में लोगों को लिट्टी-छोला खिलाकर लगभग अच्छी कमाई कर रहे हैं। वह अपने परिवार का भरण-पोषण भी अच्छी तरह से कर रहा है।