सूजी का नहीं ये हलवा खाकर देखिए, स्वाद और सेहत का है खजाना, इसके सामने चॉकलेट-मिठाई सब फेल!

आपने कई तरह के हलवे का स्वाद चखा होगा. लेकिन आगरा में मिलने वाले सोन हलवे की बात ही अलग है. यह स्वाद से भरपूर है और इसमें इतने सारे गुण हैं कि गिना नहीं जा सकता. सबसे बड़ी बात तो यह है कि इस हलवे को चॉकलेट का जन्मदाता कहा जा सकता है. यानी इस हलवे को बनाने की प्रक्रिया चॉकलेट बनाने की तरह ही है. खाने पर भी यह मुंह में चॉकलेट की तरह पिघल जाता है। इसके अलावा यह हलवा सेहत का खजाना है. इसमें काजू, पिस्ता, बादाम, अखरोट और देसी घी समेत कई सूखे मेवों का इस्तेमाल किया जाता है. यह एकमात्र ऐसा हलवा है जो बनाने के बाद ठोस हो जाता है. यह हलवा सर्दियों में शरीर को गर्माहट देता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाता है।
भीमसेन बैजनाथ नमकीन विक्रेताओं के यहां सोन का हलवा बनाया जाता है. यह हलवा पारंपरिक तरीके से तैयार किया जाता है. आगरा में यह हलवा कई दशकों से बनाया जा रहा है. दुकान के मालिक योगेन्द्र सिंघल का कहना है कि बेटा हलवा सेहत का खजाना है। सोन हाला की मांग सर्दियों में बहुत बढ़ जाती है इसमें बहुत सारे सूखे मेवे और बहुत सारे देशी घी का उपयोग किया जाता है। एक बार जो इस हलवे का स्वाद चख लेता है वह इसे कभी नहीं भूल पाता है. खास बात यह है कि यह हलवा कई दिनों तक खराब नहीं होता है.
सोन हलवा कैसे बनता है?
सोन हलवा गेहूं के आटे से बनाया जाता है. सबसे पहले गेहूं के आटे को प्रोसेस किया जाता है. आटे को छानने के बाद इसमें काफी मात्रा में घी मिलाया जाता है. घी और आटे को धीमी आंच पर काफी देर तक पकाया जाता है, इसमें चीनी मिलायी जाती है. इसमें पूरा खेल घी का है। आधा किलो आटे में इतना घी मिलाया जाता है कि जब हलवा तैयार होता है तो उसका वजन 25 से 30 किलो हो जाता है। इस पूरी प्रक्रिया में लगभग 65 से 70 फीसदी घी का इस्तेमाल होता है। आटे को घी में धीमी आंच पर काफी देर तक गूंथते हैं जब तक कि वह गाढ़ा न होने लगे. यह पुडिंग बिल्कुल चॉकलेट की तरह दिखती है. ठंडा होने पर यह चॉकलेट की तरह सख्त हो जाता है। फिर इसमें सूखे मेवे मिलाए जाते हैं. पारंपरिक रूप से तैयार होने के कारण इसका एक टुकड़ा लगभग 6 से 7 किलो का तैयार होता है. यहां तीन तरह का हलवा बनाया जाता है. एक सादा हलवा, एक काजू हलवा और तीसरा बादाम, पिस्ता, काजू मिक्स हलवा.
इसके अलावा चॉकलेट भी फेल हो गई
भीमसेन बैजनाथ दुकान के मालिक योगेन्द्र सिंगल का कहना है कि सोन हलवा को कैडबरी चॉकलेट का पूर्वज कहा जाता है। माना जाता है कि चॉकलेट भी इसी तर्ज पर बनाई जाती है. ऐसा हलवा शायद ही आपने कभी देखा हो जो ठोस बनता हो. लेकिन जैसे ही आप हलवे का यह टुकड़ा मुंह में रखेंगे तो यह चॉकलेट की तरह पिघल जाएगा. इस हलवे में ढेर सारे ड्राई फ्रूट्स होते हैं. जो सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है. अगर इसकी कीमत की बात करें तो सादा हलवे की कीमत 640 रुपये प्रति किलो है. काजू, अखरोट, हलवा 850 रुपये प्रति किलो है जबकि बादाम, पिस्ता काजू मिक्स हलवा 920 रुपये प्रति किलो है.