प्रदेश भर में डिमांड है सागर के पापड़ का, 5 किलो से की थी शुरुआत, अब लाखों में हो रही कमाई

अगर आप किसी भी काम को पूरी ईमानदारी, लगन और साहस से करेंगे तो एक दिन आपको उसमें सफलता जरूर मिलेगी।चाहे काम कितना भी छोटा क्यों न हो उसका परिणाम जरूर मिलेगा। ऐसा ही एक उदाहरण हैं सागर के निशांत साहू, जिन्होंने 5 किलो पापड़ बनाकर बेचने से शुरुआत की और आज वे हर महीने 500 किलो पापड़ बनाकर जिले सहित प्रदेश के विभिन्न कोनों में सप्लाई कर रहे हैं। निशांत साहू ने बताया कि परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण वह आगे की पढ़ाई नहीं कर सके. परिवार की आर्थिक स्थिति को देखते हुए उन्होंने घर पर ही हाथ से 5 किलो दाल पापड़ बनाया और फिर उसे बाजार में बेचकर 100 रुपये का मुनाफा कमाया। इसके बाद उन्होंने धीरे-धीरे इस काम को बढ़ाना शुरू कर दिया।
इस पापड़ की डिमांड भोपाल तक है
10 साल के अंदर ही यह अपनी अच्छी गुणवत्ता और मात्रा के कारण लोगों का पसंदीदा बन गया, एक बार इसे खाने के बाद लोग इसके स्वाद के दीवाने हो गए और दूर-दूर तक इसकी मांग होने लगी। इस तरह पापड़ उद्योग की शुरुआत हुई और अब इसकी सप्लाई राजधानी भोपाल तक होती है। इसके बाद उन्होंने अपने दोस्त को भी इसमें भागीदार बनाया। अब पापड़ हाथ की बजाय मशीन से तैयार किए जाते हैं और फिर पैक करके सप्लाई किए जाते हैं। निशांत साहू ने आगे बताया कि इसमें मूंग दाल, चना दाल, उड़द दाल के पापड़ बनाए जाते हैं और अब लोगों की डिमांड के मुताबिक उन्होंने आलू, लहसुन और हरी मिर्च के पापड़ भी बनाने शुरू कर दिए हैं. इसके लिए तरह-तरह के सामान तैयार किये जाते हैं. अब वह इससे सालाना 3 लाख रुपये तक कमा लेते हैं.
संघर्ष निश्चित ही सफलता में बदलता है
आज निशांत साहू उन लोगों के लिए एक उदाहरण हैं जो कहते हैं कि अगर उनके पास पैसा नहीं है तो वे बड़ा बिजनेस शुरू नहीं कर सकते। निशांत का संघर्ष बताता है कि अगर आप किसी काम की शुरुआत छोटी सी चीज से भी करते हैं. संघर्ष अवश्य सफलता में बदल जाएगा अगर आप पूरी लगन से करेंगे। इसमें थोड़ा समय जरूर लगेगा लेकिन अच्छा समय भी आएगा इसलिए आप जो भी करना चाहते हैं उसे पूरे मन से करें।