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खास है ये मिठाई! लड़का-लड़की के शादी फिक्स करने में अहम है इसका योगदान, जानिए रेसिपी

बिहार और झारखंड की शादियों में खाजा का एक अलग स्थान है. लगन के दौरान लड़के-लड़कियों के परिवार आपस में खाजा और लड्डू मिठाइयाँ का आदान-प्रदान करते हैं। सिलावनी खजानी मिठाई बिहार के नालंदा जिले में बहुत लोकप्रिय है। कहा जाता है कि खाजा की उत्पत्ति उसी सिलाव स्थान से हुई थी.
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खास है ये मिठाई! लड़का-लड़की के शादी फिक्स करने में अहम है इसका योगदान, जानिए रेसिपी

बिहार और झारखंड की शादियों में खाजा का एक अलग स्थान है. लगन के दौरान लड़के-लड़कियों के परिवार आपस में खाजा और लड्डू मिठाइयाँ का आदान-प्रदान करते हैं। सिलावनी खजानी मिठाई बिहार के नालंदा जिले में बहुत लोकप्रिय है। कहा जाता है कि खाजा की उत्पत्ति उसी सिलाव स्थान से हुई थी. जिसके बाद खजानी मिठाई हर जगह लोकप्रिय हो गई. इसी तरह हज़ारीबाग़ की खाजा गली अपने खास तरह के खाने के लिए पूरे झारखंड में मशहूर है. यहां दूर-दूर से दुकानदार और ग्राहक खाना खरीदने आते हैं। यहां की एक गली में 10 से ज्यादा फूड स्टॉल हैं। इनमें से किसी भी दुकान पर नाम का बोर्ड नहीं लगा है.

खास है ये मिठाई! लड़का-लड़की के शादी फिक्स करने में अहम है इसका योगदान, जानिए रेसिपी

इसी गली में खाजा स्टोर के मैनेजर अर्जुन कुमार कहते हैं कि इन सभी दुकानों को चलाने वाले लोग एक ही परिवार के हैं. यहां की सबसे पुरानी दुकान 1972 में स्थापित की गई थी। तब से धीरे-धीरे परिवार के अन्य सदस्यों द्वारा यहां और भी दुकानें खोली गईं। यहां खाना पकाने का काम 1972 से चल रहा है। खाजा के अलावा यहां गुजिया, अनरसा और तिलकूट का भी उत्पादन होता है. वर्तमान में खाजा की कीमत 140 रुपये और 160 रुपये प्रति किलो है. 140 रुपये प्रति किलो खाने में ज्यादा चीनी होती है.

खास है ये मिठाई! लड़का-लड़की के शादी फिक्स करने में अहम है इसका योगदान, जानिए रेसिपी

हर दिन 70 किलो खाना बनता है


वहीं, 160 रुपये की कीमत वाले खाजा में चीनी कम है. अर्जुन आगे कहते हैं कि शादी के लिए लगन को ध्यान में रखते हुए हर दिन करीब 70 किलो खाजा बनाया जाता है. यह खाजा हज़ारीबाग, कोडरमा, रामगढ़, चतरा जिले में बनाया और बेचा जाता है. शादी-ब्याह में खाना बनाने के लिए गया से ही यहां कारीगरों को बुलाया जाता रहा है। जो सुबह से शाम तक यहां खाना बनाते हैं.

ऐसे बनता है खाना


खाजा एक बहुस्तरीय मिठाई है. एक डिश में 52 परतें होती हैं. इस मिठाई को बनाने के लिए सबसे पहले गेहूं के आटे और मैदा में मावा और डालडा मिलाया जाता है. इसके बाद आटा बनाया जाता है, बेल लिया जाता है और फिर कई परतों में मोड़ दिया जाता है। फिर इसे रोल करके खाजा का आकार दिया जाता है. इसके बाद इसे गर्म तेल में छानकर पतली चाशनी में डाल दिया जाता है. इसे सिरप से निकाला जाता है और कुछ समय के लिए हवा में रखा जाता है। इस तरह तैयार होती है ये मिठाई