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स्वाद की दुनिया का शंहशाह हैं ये पारंपरिक धाम, पांच सितारा होटल में भी नहीं मिलेगा ऐसा स्वाद

बिलासपुरी धाम का नाम सुनते ही लोगों के मुंह में पानी आ जाता है। हिमाचल में किसी शादी या अन्य समारोह में आयोजित होने वाले सामूहिक भोजन को धाम कहा जाता है। धाम का मुख्य आकर्षण यह है कि सभी मेहमान एक साथ फर्श पर बैठते हैं और समान रूप से भोजन करते हैं। लेकिन अब हिमाचली खाने को बढ़ावा देने के लिए यह धाम अन्य जगहों पर भी बनने लगा है। यह धाम आपको सिर्फ हिमाचल में ही नहीं बल्कि दिल्ली, चंडीगढ़ में भी मिल जाएगा।
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स्वाद की दुनिया का शंहशाह हैं ये पारंपरिक धाम, पांच सितारा होटल में भी नहीं मिलेगा ऐसा स्वाद

बिलासपुरी धाम का नाम सुनते ही लोगों के मुंह में पानी आ जाता है। हिमाचल में किसी शादी या अन्य समारोह में आयोजित होने वाले सामूहिक भोजन को धाम कहा जाता है। धाम का मुख्य आकर्षण यह है कि सभी मेहमान एक साथ फर्श पर बैठते हैं और समान रूप से भोजन करते हैं। लेकिन अब हिमाचली खाने को बढ़ावा देने के लिए यह धाम अन्य जगहों पर भी बनने लगा है। यह धाम आपको सिर्फ हिमाचल में ही नहीं बल्कि दिल्ली, चंडीगढ़ में भी मिल जाएगा। इन दिनों शिमला के रिज मैदान में चल रहे फूड फेस्टिवल में एक स्वयं सहायता समूह द्वारा इस धाम का निर्माण किया गया है। जिसका उद्देश्य देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को इस धाम का स्वाद चखाकर उन्हें पहचान दिलाना है।

स्वाद की दुनिया का शंहशाह हैं ये पारंपरिक धाम, पांच सितारा होटल में भी नहीं मिलेगा ऐसा स्वाद

हिमाचल प्रदेश का बिलासपुर जिला जो मंडी, हमीरपुर, ऊना, सोलन और पंजाब से घिरा हुआ है। यहां अलग-अलग रंग पाए जाते हैं. सीमावर्ती इलाकों में पड़ोसी जिलों और राज्यों के रीति-रिवाजों के अनुसार धाम बनाई और परोसी जाती है. बिलासपुर के धाम को 'भाटी', 'जग' कहा जाता है

धोनी की दाल सबसे मशहूर है


बिलासपुरी धाम में दालें और सब्जियां बनाई जाती हैं. धुली हुई उड़द की दाल, जिसे धोनी दाल कहा जाता है, का स्वाद अलग होता है. इसे घी में मसालों के साथ अच्छे से पकाया जाता है और अगर आपने बिलासपुरी धाम में धोनी की दाल नहीं खाई तो आपने कुछ नहीं खाया. घंडयाली मद्रास भी बनाये जाते हैं। साबुत उड़द दाल, मूंग दाल, चना दाल, ओहरी वाली, राजमठ आदि बनाई जाती है। आम या इमली की खट्टी खट्टी काली चने में कद्दू या खजूर डालकर बनाई जाती है. पकौड़ों के साथ-साथ धाम में करी भी शामिल होती है. मिठाइयों में कद्दू की मिठाई बनाई जाती है. ऐसा स्वाद तो फाइव स्टार होटलों में भी नहीं मिलता.

एक लोकप्रिय पारंपरिक त्योहार

स्वाद की दुनिया का शंहशाह हैं ये पारंपरिक धाम, पांच सितारा होटल में भी नहीं मिलेगा ऐसा स्वाद
शादियों, स्थानीय त्योहारों और विशेष अवसरों के दौरान तैयार की जाने वाली एक लोकप्रिय पारंपरिक दावत, यह न केवल एक आयुर्वेदिक है बल्कि पोषण से भरपूर भोजन भी है। जातीय खाद्य पदार्थों में राजमा मद्रा, कड़ी, खट्टा, सेपू मोती आदि शामिल हैं, जो खाद्य विरासत की समृद्धि को दर्शाते हैं। और इसका एक अभिन्न अंग है. राज्य में लोगों का आहार. भोजन राज्य की भौगोलिक और जलवायु परिस्थितियों को ध्यान में रखकर तैयार किया जाता है।