GST में संभावित बदलाव: 12% टैक्स स्लैब पर नजरें

रिजर्व बैंक की MPC बैठक और GST में बदलाव
आज देश की निगाहें रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की होने वाली MPC बैठक पर टिकी हुई हैं। लोगों को उम्मीद है कि गवर्नर संजय मल्होत्रा राहत की कोई अच्छी खबर देंगे। इसी बीच, यह भी सुनने में आ रहा है कि GST को लेकर जल्द ही महत्वपूर्ण निर्णय लिया जा सकता है। आम जनता को उम्मीद है कि 12% टैक्स स्लैब से राहत मिल सकती है। इसके साथ ही, यह भी जानने की उत्सुकता है कि कौन सी चीजें सस्ती होंगी और कौन सी महंगी।
GST परिषद का गठन और संभावित बदलाव
केंद्र सरकार ने GST परिषद का गठन किया है, जो वस्तु एवं सेवा कर (GST) के टैक्स स्लैब में बड़े बदलाव की योजना बना रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 12% टैक्स स्लैब को समाप्त करने का प्रस्ताव रखा जा सकता है। वर्तमान में भारत में चार GST टैक्स स्लैब हैं: 5%, 12%, 18% और 28%, लेकिन अब इसे तीन स्लैब में समेटने की योजना है।
12% GST में शामिल प्रमुख उत्पाद
रिपोर्ट के अनुसार, 12% टैक्स स्लैब में शामिल उत्पादों में शामिल हैं: पैक्ड और प्रोसेस्ड खाद्य उत्पाद जैसे मक्खन, घी, और फ्रूट जूस; सूखे मेवे जैसे बादाम और खजूर; घरेलू उपयोग के सामान जैसे छाता और फर्नीचर; स्टेशनरी जैसे पेंसिल और जूट बैग; और जूते जिनकी कीमत 1,000 रुपये से कम है। इसके अलावा, डायग्नोस्टिक किट्स, होटल सेवाएं, और हवाई यात्रा भी इस श्रेणी में आती हैं।
GST परिषद का निर्णय कब होगा?
GST परिषद इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए अपनी अगली बैठक में विचार करेगी, जो जून के अंत या जुलाई की शुरुआत में हो सकती है। संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू होगा, और उम्मीद है कि इससे पहले इस पर निर्णय लिया जाएगा। हालांकि, रिपोर्टों के अनुसार, GoM की फाइनल रिपोर्ट अभी तक GST परिषद को नहीं सौंपी गई है।
आम आदमी पर प्रभाव
यदि इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलती है, तो इसका सीधा असर आम आदमी के बजट पर पड़ेगा। जो वस्तुएं 12% से घटकर 5% में जाएंगी, वे सस्ती होंगी, जबकि जो 18% में जाएंगी, उनकी कीमतें बढ़ेंगी। इस बदलाव का उद्देश्य टैक्स व्यवस्था को सरल और प्रभावी बनाना है, लेकिन यह भी सच है कि इससे आम आदमी की जेब पर फर्क पड़ेगा।