Myntra पर ED की कार्रवाई: 1,654 करोड़ रुपये का FDI उल्लंघन

प्रवर्तन निदेशालय की शिकायत
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को Myntra डिज़ाइन्स प्राइवेट लिमिटेड और इसकी सहयोगी कंपनियों के खिलाफ विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 (FEMA) के तहत शिकायत दर्ज की है। ईडी ने Myntra पर 1,654.35 करोड़ रुपये के उल्लंघन का आरोप लगाया है, जिसमें विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) नीति का उल्लंघन शामिल है।
Myntra की गतिविधियों पर सवाल
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, ईडी का कहना है कि Myntra और उसकी सहयोगी कंपनियों ने खुद को "होलसेल कैश एंड कैरी" व्यवसाय के रूप में प्रस्तुत किया, जबकि वे वास्तव में मल्टी-ब्रांड रिटेल ट्रेड (MBRT) गतिविधियों में संलग्न थे। यह FDI नीति का स्पष्ट उल्लंघन है, जो मल्टी-ब्रांड रिटेल में विदेशी निवेश पर सख्त नियम लागू करती है।
Enforcement Directorate (ED) has filed a complaint under Foreign Exchange Management Act, 1999 (FEMA) against Myntra Designs Private Limited (Myntra) and its related companies and their Directors for contravention to the tune of Rs 1654,35,08,981: ED pic.twitter.com/KWPrGKAQWZ
— News Media (@NewsMedia) July 23, 2025
FDI नीति का उल्लंघन
FDI नीति का कथित उल्लंघन
ईडी का आरोप है कि Myntra ने अपनी अधिकांश बिक्री एम/एस वेक्टर ई-कॉमर्स प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से की, जो उसी कॉर्पोरेट समूह की एक कंपनी है। यह कंपनी सीधे उपभोक्ताओं को सामान बेचती थी।
B2C लेनदेन को B2B के रूप में छिपाने का आरोप
B2C लेनदेन को B2B के रूप में छिपाने का आरोप
ईडी ने यह भी आरोप लगाया है कि वेक्टर ई-कॉमर्स को जानबूझकर इस तरह स्थापित किया गया था कि रिटेल (B2C) लेनदेन को कागजों पर होलसेल (B2B) लेनदेन के रूप में दिखाया जा सके। यह कदम मल्टी-ब्रांड रिटेल ट्रेडिंग पर FDI प्रतिबंधों को दरकिनार करने के लिए उठाया गया था। ईडी का कहना है कि Myntra ने इस रणनीति के माध्यम से नियमों का उल्लंघन किया और बड़े पैमाने पर अनियमितताएं कीं।
कानूनी कार्रवाई और जांच
कानूनी कार्रवाई और जांच
ईडी की जांच में यह पाया गया कि Myntra की यह रणनीति न केवल FDI नीति के खिलाफ थी, बल्कि इससे बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितताएं भी हुईं। इस शिकायत के बाद, Myntra और उसकी सहयोगी कंपनियों पर कड़ी निगरानी और संभावित दंड की तलवार लटक रही है। यह मामला ई-कॉमर्स क्षेत्र में FDI नियमों के पालन पर गहन बहस को जन्म दे सकता है।